Singrauli One Teacher One School:एक ओर प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर काफी गंभीर है और तमाम दावे भी करती नजर आती है. साथ ही तरह-तरह की योजनाएं छात्रों को मुहैया करवाने की बात करती है. वहीं बात जब सरकारी व्यवस्था की जमीनी स्तर पर आती है, तो सारे दावे और सारी योजनाएं विफल दिखती नजर आती हैं. ऐसी ही एक तस्वीर मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से सामने आई है. जिसने सरकारी स्कूल की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है.
पूरा स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के सहारे
जिले के भकुआर गांव के सरकारी स्कूल का हाल बेहाल है. स्कूल में एक शिक्षक के सहारे एक से लेकर पांचवी तक कि कक्षाएं चल रही हैं. इसके साथ ही एक ही क्लास में एक से लेकर पांचवी तक की पढ़ाई भी हो रही है. सरकारी विद्यालय का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. शौचालय सिर्फ कहने के लिए है, क्योंकि इसमें हमेशा ताला लटका रहता है. स्कूल के शिक्षक सूर्य प्रताप सिंह बताते है कि "स्कूल में पानी की व्यवस्था नहीं है, स्कूल का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. कई बार इसकी जानकारी विभाग को दी जा चुके हैं, लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने आज तक इसकी सुध नहीं ली है.
मिड डे मील खाने के बाद बच्चें खुद धोते हैं अपनी थाली
देश का भविष्य कहे जाने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल में मध्याह्न भोजन करने के बाद अपने खाने के बर्तन खुद साफ करने पड़ते हैं. वहीं स्कूल के छात्रों का कहना है कि वह जब से स्कूल में पढ़ रहे हैं तब से उन्हें अपने खाने के बर्तन स्कूल में धोने पड़ रहे हैं. जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. स्कूल के शिक्षक ने कई बार जिम्मेदारों को यहां की समस्याओं से अवगत कराया है.
जिम्मेदारों का इस ओर कोई ध्यान नहीं
अमझर गांव के सरकारी स्कूल की हालत कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है. यहां भी कुछ पहले वाले स्कूल से मिलती जुलती समस्या है. इस सरकारी स्कूल के बच्चों को मिड डे मील भोजन करने के बाद अपने बर्तनों को खुद साफ करना पड़ता है. वहीं, स्कूल के छात्रों का कहना है कि शिकायत करने के बावजूद उनकी समस्याओं की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया.