सीकर: राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की रैंकिंग में सीकर ने सात महीने बाद फिर बादशाहत हासिल की है. दिसंबर महीने की रैंकिंग में सीकर जिले ने 53 अंकों के साथ प्रदेश में पहला स्थान हासिल कर लिया था. इससे पहले मई 2024 में जारी रैंकिंग में सीकर अव्वल रहा था. अब रैंकिंग में उदयपुर जिला सबसे फिसड्डी रहा है.
उल्लेखनीय है कि मई 2024 की रैंकिंग में अव्वल रहने के बाद सीकर लगातार पिछड़ रहा था. अगस्त 2024 में चौथे और सितंबर में पांचवें स्थान के बाद अक्टूबर में सीकर चार पायदान नीचे गिरकर नवें स्थान तक पहुंच गया था. इसके बाद जिला शिक्षा विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया और पिछड़े पांच ब्लॉक के सीबीईओ को नोटिस जारी किए गए. इसी के साथ सुधार शुरू हुआ. इसके बाद वापसी करते हुए सीकर नवंबर की रैंकिंग में जिला तीसरे और इस बार पहले पायदान पर पहुंच गया.
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ये रहे टॉप तीन जिले:अतिरिक्त जिला जिला परियोजना समन्वयक राकेश कुमार लाटा ने बताया कि मासिक रैंकिंग में सीकर पहले स्थान पर, 49.99 अंक के साथ डूंगरपुर दूसरे और 49.65 अंक के साथ चूरू जिला तीसरे स्थान पर रहा. सबसे फिसड्डी तीन जिलों में 23.36 अंक के साथ उदयपुर, 23.83 अंक सहित जालौर व 25.49 अंक के साथ धौलपुर रहे.
इस आधार पर होती है रैंकिंग: राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जिलों की रैंकिंग चार आधारों पर तय करता है. ये आधार शैक्षिक, नामांकन, सामुदायिक सहभागिता व आधारभूत सुविधाएं है. इसमें शैक्षणिक श्रेणी के 100 अंक निर्धारित किए गए हैं. इसी तरह नामांकन व सामुदायिक सहभागिता के 20-20 तथा आधारभूत सुविधाओं के 10 अंक तय है. शैक्षणिक श्रेणी के अंकों को सात, नामांकन व सामुदायिक सहभागिता के अंकों को 3-3 तथा आधारभूत सुविधाओं के अंकों को दो बिंदुओं में बांटा गया है. इस तरह कुल 150 अंकों में से जिलों को उनके कार्यों के हिसाब से अंक दिए जाते हैं.
सभी की मेहनत का परिणाम है:समसा सीकर के एडीपीसी राकेश कुमार लाटा ने इस उपलब्धि पर कहा कि यह स्कूल से लेकर पीईओ, ब्लॉक व जिला स्तर तक के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की मेहनत का परिणाम है. जिले को आगे भी इसी तरह अव्वल रखने का प्रयास करेंगे.