बीकानेर: डेंगू-मलेरिया नियंत्रण में लापरवाही पर स्वास्थ्य विभाग में जीरो टॉलरेंस नीति लागू की गई है. दरअसल बीकानेर में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं और सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार अब तक जिले में करीब 550 मरीज सामने आ चुके हैं. वहीं मलेरिया के अब तक करीब 350 केस सामने आए हैं. लगातार डेंगू-मलेरिया के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अब सक्रिय हो रहा है. वहीं विभाग की कार्य प्रणाली का एक नमूना तब सामने आया जब डेंगू और मलेरिया नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य भवन में बुधवार को बुलाई गई समीक्षा बैठक में विभाग के कई जिम्मेदार चिकित्सक अनुपस्थित रहे. ऐसे में अब अनुपस्थित रहे 25 चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आर डी 820 में चिकित्सक सहित 6 स्टाफ के अनुपस्थित मिलने पर उन्हें भी जवाब तलब किया गया है.
कार्मिकों को सख्त निर्देश: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि संयुक्त निदेशक बीकानेर जॉन डॉ देवेंद्र चौधरी की अध्यक्षता में बुधवार को अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक डेंगू-मलेरिया नियंत्रण समीक्षा को लेकर आयोजित की गई थी. लेकिन ब्लॉक सीएमओ नोखा, श्री डूंगरगढ़, पीएमओ जिला अस्पताल नोखा, उप जिला अस्पताल श्री डूंगरगढ़ व पूगल तथा 20 सीएचसी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सक बिना सूचना के बैठक में अनुपस्थित रहे जो कि एक गंभीर लापरवाही है.
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राज्य सरकार तथा जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि के निर्देशानुसार डेंगू-मलेरिया रोकथाम अभियान में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है. इन सभी अनुपस्थित चिकित्सकों को सख्त कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. दो दिवस में संतोषजनक प्रत्युत्तर ना प्राप्त होने पर उनके विरुद्ध राजस्थान सेवा नियम के नियम 16 के अंतर्गत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उक्त घोर लापरवाही के विषय में सुपरविजन की विफलता के चलते ब्लॉक सीएमओ डॉ सुनील जैन को भी जवाब तलब किया गया है.