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श्योपुर से परेशान करने वाली तस्वीर, डूबे अस्पताल में मां के शव से लिपट रोता रहा बेटा - Sheopur Son Not Get Ambulance

श्योपुर में भारी बारिश के चलते एक बेटा वक्त पर मां को अस्पताल लेकर नहीं पहुंच सका. जब अस्पताल पहुंचा तो मां की मौत हो चुकी थी. इसके बाद अस्पताल में भरे पानी के बीच बेटा मां के शव से लिपटकर रोता रहा. बेटे का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने शव वाहन का इंतजाम नहीं कराया.

SHEOPUR SON NOT GET AMBULANCE
पानी से भरा अस्पताल में मां के शव से लिपट कर रोता रहा बेटा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 12, 2024, 5:18 PM IST

Updated : Sep 12, 2024, 5:49 PM IST

श्योपुर:मध्य प्रदेश में बारिश हाहाकार मचाए हुए है. जहां एक तरफ नदी,नाले, तालाब और डैम लबालब हैं. वहीं दूसरी तरफ शहरों की निचली बस्तियों सहित गांव में अस्पताल से लेकर स्कूलों में पानी भरा हुआ है. बारिश के चलते कई गांवों में हालात खराब है. कहीं पुलिया तो कहीं रास्ता न होने से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसी तरह एक शर्मनाक तस्वीर श्योपुर से सामने आई है. जहां बारिश के चलते युवक मां को अस्पताल नहीं ले जा पाया, जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद अस्पताल में उसे शव वाहन नहीं मिला.

डूबे अस्पताल में मां के शव से लिपट रोता रहा बेटा (ETV Bharat)

जिला अस्पताल में भरा पानी

श्योपुर जिले के बड़ोदा से अव्यवस्थाओं को लेकर एक मामला सामने आया है. यहां भारी बारिश के कारण अस्पताल में चारों और पानी-पानी हो गया. आलम यह ह है कि अस्पताल में भी 3-3 फिट तक पानी भर गया है. जिससे मरीजों को भी अस्पताल आने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बड़ौदा के वार्ड क्रमांक 15 से राजकुमार आदिवासी अपनी मां के पेट दर्द होने पर अस्पताल लेकर पहुंचा, लेकिन डॉक्टरों ने जब मरीज को देखा तो उसे मृत घोषित कर दिया.

पीड़ित बेटे राजकुमार के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन ने उसकी मृत मां के शव की कोई खेर खबर नहीं ली. इसके बाद राजकुमार पानी के बीच बैड पर पड़े मां के शव से लिपटकर रोता रहा और शव वाहन का घंटों इंतेजार करता रहा. मीडिया को देखते हुए डॉक्टरों ने मामले में संज्ञान लिया और शव वाहन की व्यवस्था कर शव को घर पहुंचाया.

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पीड़ित राजकुमार ने बतायाकि 'मेरी मां को रात में पेट दर्द हुआ, लेकिन भारी बारिश होने से हमारे वार्ड में अधिक पानी भर गया था. जिसके कारण मैं अपनी मां को रात में अस्पताल नहीं ला सका. सुबह जब अस्पताल दिखाने लाया, तो यहां डॉक्टरों ने मां को देखकर मृत घोषित कर दिया. उसके बाद डॉक्टर चले गये. अब शव को घर ले जाने के लिए मेरे पास किसी प्रकार का साधन नहीं है. मैं किसी साधन से मां को ले जा सकूं, इसके लिए इंतेजार में बैठा हूं.' वहीं अस्पताल के बीएमओ डॉ. अनिल बाथम ने बताया कि 'इस मरीज को रात में दर्द हुआ, लेकिन ये हमारे पास सुबह लेकर आये है. जब तक वह मर चुकी थी. शव को ले जाने के लिए व्यवस्था नगर पालिका द्वारा की जाती है. हमने कॉन्टेक्ट किया है, नगरपालिका व्यवस्था कर रही है.'

Last Updated : Sep 12, 2024, 5:49 PM IST

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