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शनि जयंती 2024 : सर्वार्थ सिद्धि योग में शनि करेंगे मालामाल, पितृ दोष की शांति में पूजा कारगर - Shani Jayanti 2024

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 5, 2024, 6:32 PM IST

Shani Jayanti 2024 भगवान शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है.इस बार 6 जून को शनि जयंती का पर्व आ रहा है.इस दिन आप भगवान शनिदेव को प्रसन्न करके उनकी कृपा पा सकते हैं.shani jayanti auspicious time and method of worship

Shani Jayanti 2024
शनि जयंती 2024 (ETV Bharat Chhattisgarh)

रायपुर: साल 2024 में 6 जून गुरुवार के दिन भगवान शनि की जयंती मनाई जाएगी. न्याय के देवता शनिदेव की विशेष कृपा पानी के लिए ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 6 जून को पड़ रही है. इस तिथि पर शनि भगवान का जन्म महोत्सव मनाया जाता है. ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 5 जून की शाम को 6:57 से शुरू होगी और इसका समापन 6 जून को शाम 5:35 पर होगी. इस दिन शनि देव की विशेष कृपा पूजा आराधना और अर्चना करने से जातक के सभी प्रकार के कष्टो में कमी आती है. इसके साथ ही नौकरी में तरक्की के योग बनते हैं. ऐसा माना जाता है कि बंद हुए भाग्य के द्वारा भी खुल जाते हैं.

सर्वार्थ सिद्धि योग में मनेगी शनि जयंती (ETV Bharat Chhattisgarh)
कब मनाई जाएगी शनि जयंती :महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि "ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि इस साल 6 जून गुरुवार के दिन पड़ रही है. ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती हैं. आज के दिन भगवान शनि का प्राकट्य हुआ था. इसलिए शनि जयंती के रूप में इसे मनाई जाती है. भगवान शनि सूर्यदेव के पुत्र हैं उन्होंने बताया कि सूर्यदेव की दो पत्नी है जिसमें एक का नाम संज्ञा है और दूसरे का नाम छाया. छाया से जिस पुत्र की प्राप्ति हुई थी उसे शनिदेव के नाम से जाना जाता है. अन्य ग्रहों की तुलना में ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि ग्रह को क्रूर ग्रह भी माना गया है. इसके पीछे कारण यह है कि शनि को दंडाधिकारी के रूप में भी जाना जाता है, जो पाप और पुण्य का फल भी देते हैं."शनि आपको करेंगे मालामाल : साल 2024 में 6 जून गुरुवार के दिन शनि जयंती के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी पड़ रहा है. ऐसे में शनि देव को प्रसन्न करने के लिए कुछ सरल उपाय को अपना कर शनिदेव की विशेष कृपा का सकते हैं. शनि देव को न्यायाधीश भी कहा जाता है. जो कर्म का लेखा-जोखा देने वाले माने जाते हैं. शनि जयंती के दिन ही वट सावित्री का व्रत भी है. ज्येष्ठ अमावस्या सहित शनि जयंती का होना यह हम सभी के लिए काफी शुभ फलदायक माना गया है. आज के दिन मुख्य रूप से शनि शांति के कर्म पूजा अनुष्ठान पाठ और दान करने से शनि और पितृ दोष की शांति होती है. शनि चालीसा और हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का भी इस दिन पाठ करने से जातकों पर शनि देव की कृपा हमेशा बनी रहती है.

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