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लू से बचाएगा ये कूल-कूल शैंपू, बालों की सेहत के साथ दिमाग को देता है ठंडक - Shampoo Save From Heatstroke

पुराने समय के दादी मां के देसी नुस्खे अब एक बार फिर लोगों को याद आ रहे हैं. नौतपा में भीषण गर्मी के चलते घर से बाहर निकलने वाले लोग बेहाल हैं. ऐसे में यदि आप इस देसी शैंपू का इस्तेमाल करते हैं तो ना केवल ये आपको लू से बचाएगा बल्कि बालों को स्वस्थ रखने के साथ दिमाग को भी राहत देगा.

SHAMPOO SAVE FROM HEATSTROKE
लू से बचाता है यह शैंपू (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 29, 2024, 4:30 PM IST

Benefits of Desi Shampoo:नौतपा में इन दिनों पारा 50 डिग्री को छू रहा है और गरमी से निजात पाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. इस भीषण गर्मी में लोगों को वो पुराने दादी मां के देसी नुस्खे याद आ रहे हैं, जब शैंपू और साबुन ना होने के कारण लोग आजमाते थे. एक जमाना था कि लोग बालों को सेहतमंद रखने के लिए मिट्टी का उपयोग करते थे. काली मिट्टी से बाल धोने से बाल मुलायम और सेहतमंद रहने के साथ-साथ जुएं और डैंड्रफ जैसी समस्याओं से निजात दिलाते थे. खास बात ये है कि ऐसा करने से दिमाग को ठंडा भी रखते थे. आयुर्वेद के जानकार बताते हैं कि काली मिट्टी से देशी तरीके से शैंपू तैयार किया जाता है जो बालों को सेहतमंद रखने के साथ गर्मी में लू से बचाता है और दिमाग को भी ठंडा रखता है.

लों की सेहत के साथ दिमाग को ठंडक देता है देसी शैंपू (ETV Bharat)

देसी नुस्खे से बनाए कूल-कूल शैंपू

आयुर्वेद के जानकार रिटायर शिक्षक लोकनाथ मिश्राबताते हैं कि "वैसे तो पुराने समय में लोग सीधे मिट्टी से नहाते थे, लेकिन शैंपू और तरह-तरह के कंडीशनर आने के बाद लोगों ने पुराने नुस्खे अपनाना बंद कर दिए. काली मिट्टी से नहाने और बालों को धोने का दौर समाप्त हो गया है. लेकिन इस भीषण गर्मी ने एक बार फिर मिट्टी के शैंपू की याद दिला दी है."

लोकनाथ मिश्राका दावा है कि उन्होंने मिट्टी का शैंपू बनाने का नया तरीका तैयार किया है. दो चरणों में ये शैंपू तैयार किया जाता है. पहले चरण में काली मिट्टी को कीटाणुमुक्त और साफ सुथरा करने के लिए मिट्टी को छानकर फिटकरी के पानी में डालते हैं. इसे किसी बर्तन में रख देने के कुछ देर बाद मिट्टी नीचे जम जाती है और इसका बचा पानी निकाल देते हैं. मिट्टी के सूखने पर ये केक के आकार की हो जाती है. दूसरे चरण में हम नीम की पत्ती और रीठा शिकाकाई के जरिए मिश्रण तैयार करते हैं. इसके लिए हम नीम की पत्ती और रीठा शिकाकाई को एक साथ उबालते हैं. दोनों का अर्क निकलने के बाद उसे ठंडा किया जाता है और एक बाॅटल में भर कर अलग रख लेते हैं.

देसी शैंपू को बनाने में उपयोग होने वाली चीजें (ETV Bharat)
देसी शैंपू को बनाने में होता है काली मिट्टी का उपयोग (ETV Bharat)
देसी शैंपू को बनाने में रीठा शिकाकाई का करते हैं उपयोग (ETV Bharat)

देसी शैंपू के उपयोग करने का तरीका

इसका आपयोग करने के लिए हम नीम और रीठा शिकाकाई से तैयार मिश्रण को एक छोटे बर्तन में लेते हैं और जरूरत के हिसाब से कीटाणुमुक्त काली मिट्टी को लेते हैं. इस काली मिट्टी को मिश्रण में डालकर कुछ देर के लिए छोड़ देते हैं. मिश्रण में मिट्टी पूरी तरह घुल जाने के बाद जो घोल तैयार होता है उसे बालों में लगाते हैं, फिर बालों के सूखने का इंतजार करते हैं. बालों की मिट्टी सूख जाने के बाद बाल धो लेते हैं. इसके बाद बाल चमकदार और मुलायम हो जाते हैं और डेंड्रफ की समस्या धीरे-धीरे खत्म हो जाती है.

काली मिट्टी को कीटाणु रहित बनाकर ऐसे पीस किए जाते हैं तैयार (ETV Bharat)
काली मिट्टी को कीटाणु रहित बनाने के लिए करते हैं फिटकरी का इस्तेमाल (ETV Bharat)

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लू से बचाता है यह शैंपू

आयुर्वेद के जानकार पंडित लोकनाथ मिश्रा बताते हैं कि बालों को सेहतमंद करने के साथ-साथ ये घोल दिमाग को पूरी तरह से ठंडा रखता है. खासकर गर्मी के दिन में मिट्टी के शैंपू का उपयोग कर जब आप बाहर जाते हैं तो तपन कम महसूस होती है और नीम के गुणों के कारण लू का खतरा भी नहीं होता है.

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