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स्मार्ट किसान की माइंडफुल कमाई, टमाटर खीरे में गेंदा फूल मिला करने लगा लाखों की कमाई - SHAHDOL TRAP CROP FARMING TECHNIQUE

शहडोल के स्मार्ट किसान ने दिमाग लगा स्मार्ट खेती शुरू की. टमाटर और खीरे की फसल को बचाने के लिए किया रामबाण उपाय और होने लगी बंपर कमाई, शहडोल से अखिलेश शुक्ला की रिपोर्ट.

SHAHDOL TRAP CROP FARMING TECHNIQUE
खीरा-टमाटर को कीड़े से बचाने फूलों का प्रयोग (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 26, 2024, 9:42 AM IST

Updated : Dec 26, 2024, 12:06 PM IST

शहडोल (अखिलेश शुक्ला):क्या आपने कभी सोचा है कि गेंदे के फूल की मदद से टमाटर और खीरे की फसल उगाई जा सकती है? सुनने में अटपटा लगे पर ये सच है. शहडोल के एक स्मार्ट किसान ने एक ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है. इस युवा किसान ने विदेशों में नौकरी छोड़कर आदिवासी अंचल में नए जमाने खेती शुरू की है. वे अपने खेत में टमाटर और खीरे की फसल गेंदे के फूल की मदद से उगा रहे हैं, जिससे उन्हें बंपर कमाई भी हो रही है. हम बात कर रहे हैं युवा किसान मनोज आहूजा और उनकी अनोखी खेती की तकनीक की.

खीरा-टमाटर को कीड़े से बचाने फूलों का प्रयोग

किसान मनोज अहूजा बताते हैं कि अक्सर वो जैविक खेती करते हैं, तो कीटों से फलों को बचाने के लिए वो नए-नए प्रयोग करते रहते हैं. पहले वे काफी परेशान थे जब भी खीरा और टमाटर की खेती करते वक्त क्षेदक कीट लग जाते थे, जिससे बहुत परेशान हुआ करते थे. इस बार उन्होंने प्रयोग के तौर पर खीरा और टमाटर के बीच में गेंदा फूल भी लगाया. गेंदे के फूल के लिए उन्होंने अलग से बीज मंगाया और जब उन्होंने गेंदा फूल लगा दिया तो टमाटर की फसल पर कीट के लिए दवाई डालने की जरूरत ही नहीं रही. यहां गेंदे के फूल ने ऐसा जादू छलाया कि टमाटर की बंपर फसल होने लगी वे भी कीटों से सुरक्षित रहकर. मनोज ने बताया कि कैसे गेंदे के फूल ने कीटों के भ्रमित कर दिया और उनकी टमाटर की फसल सुरक्षित और स्वस्थ रहने लगी.

जानकारी देते युवा किसान मनोज आहूजा (Etv Bharat)

फिर कमया डबल मुनाफा

मनोज बताते हैं कि उनका यह प्रयोग 110% सक्सेसफुल रहा है और जैविक फसल होने की वजह से स्वस्थ फल निकले, अच्छा खासा उत्पादन भी हुआ, जिससे उन्हें मार्केट में अच्छे दाम भी मिले. इसके अलावा उन्होंने गेंदा का फूल भी बाजार में अच्छे रेट में बेचा. कुल मिलाकर खीरा और टमाटर से तो कमाई हुई ही, इसके अलावा गेंदा फूल से भी उन्होंने अच्छी खासी कमाई की और अभी भी वे गेंदा फूल लगातार बेच रहे हैं.

इसे कहते हैं ट्रैप क्रॉप तकनीक (Etv Bharat)

इसे कहते हैं ट्रैप क्रॉप तकनीक

कृषि वैज्ञानिक डॉ. बी के प्रजापति कहते हैं, '' इस तकनीक को ट्रैप क्रॉप कहा जाता है, इसे आसान भाषा में कहें तो जाल फसल भी कह सकते हैं, क्योंकि कीड़ों को डाइवर्ट करने के लिए एक जाल बिछाया जाता है. जो टमाटर और खीरा के फल में जो फल क्षेदक कीट लगते हैं, उन्हें गेंदे का फूल अपनी ओर आकर्षित करता है, ऐसे में जब हम अपने टमाटर और खीरा के बीच में गेंदा का फूल लगा देते हैं तो फसल से कीट डायवर्ट होकर गेंदा के फूल की ओर चली जाती है. इससे हमारा फल भी बच जाता है और गेंदा का फूल भी सुरक्षित रहता है. किसान मनोज आहूजा ने ट्रैप क्रॉप तकनीक ही अपनाई है, जिससे उनको ये मुनाफा हो रहा है. ज्यादातर जैविक खेती करने वाले किसानों को हम ट्रैप क्रॉप तकनीक अपनाने की सलाह देते हैं.''

टमाटर और खीरे को बचा रहा गेंदा (Etv Bharat)

कितना खर्च, कितना मुनाफा?

मनोज अहूजा बताते हैं कि उन्होंने दो एकड़ में टमाटर लगाया था और 2 एकड़ में खीरा लगाया था. वहीं बीच में करीब 1500 पौधे गेंदा फूल तैयार किए थे. इसके लिए उन्होंने गेंदा का पौधा लगाने के लिए करीब 4000 खर्च किए. इस तरह से उन्होंने टमाटर और खीरा तो बेचा ही, साथ में जो दवाइयों का पैसा बचा वो अलग से रहा. इसके अलावा फूल भी इतने तादात में वो बेच चुके हैं, कि उनके फूल लगाने की लागत तो निकल ही गई है, साथ ही अब प्रॉफिट ही प्रॉफिट हो रहा है.

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Last Updated : Dec 26, 2024, 12:06 PM IST

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