शहडोल : मध्य प्रदेश को सरसी आईलैंड के रूप में नई सौगात मिली है. सरसी आईलैंड इन दिनों एमपी ही नहीं पूरे देश भर में सुर्खियों में है. इस अद्भुत और मनमोहक पर्यटन स्थल में देश-विदेश के आईलैंड्स की तरह तमाम सुविधाएं और लग्जरी मौजूद हैं. इस आर्टिकल में जानें कि कैसे पर्यटन विभाग द्वारा विकसित किए गए सरसी आईलैंड की खोज की गई थी और कैसे लोगों को इसके बारे में पता चला.
कैसे हुई इस आईलैंड की खोज?
आपको बता दें कि सरसी आईलैंड की खोज करने वाले व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि नेवी के रिटायर्ड अफसर कमांडर राजेंद्र निगम हैं. शहडोल में रहने वाले राजेंद्र निगम 1975 में भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट के रूप में जुड़े थे और फिर कमांडर रैंक तक पहुंचकर रिटायर हुए. देश सेवा के बाद वे 2002 में पर्यटन निगम से जुड़ गए और प्रदेश में वॉटर स्पोर्ट्स विकसित करने में अहम भूमिका निभाई. इसी दौरान उन्हें शहडोल के लिए कुछ अलग करने का मन हुआ. 2021-22 में उन्होंने बाणसागर डैम का पूरा सर्वे किया और फिर उन्हें बांधवगढ़ के पास एक खूबसूरत आइलैंड मिला.
दो दिन का सर्वे, और भा गया आईलैंड
राजेंद्र निगम बताते हैं कि जब उन्होंने पहले बार आईलैंड देखा तब वहां बोट नहीं चलती थी. इसके बाद उन्होंने खुद पैसे लगाकर कुछ मछुआरों को बोट दी और फिर दो दिन तक उस आईलैंड का सर्वे करते रहे. आईलैंड उन्हें इतना भा गया कि उन्होंने वहां रिसॉर्ट डेव्लप करने का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज दिया. सरकार को भी ये आईलैंड एक नजर में पसंद आ गया और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 35 करोड़ रुपए सैंक्शन कर दिए. और अब ये सरसी आइलैंड बहुत ही सुंदर नजर आता है. यहां एमपीटी यानी मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग ने आलीशान रिसॉर्ट भी बनाया है, जहां रहकर लोग मालदीव्स जैसा मजा ले सकेंगे. इसके साथ ही यहां बोटिंग, पैरा सीलिंग और कई वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी भी होंगी.