शहडोल:आज के समय में खेती किसानी में स्मार्ट किसानी करने का टाइम है क्योंकि खेती में अगर मुनाफा कमाना है तो आपको लागत ही बचानी पड़ेगी. समय पर आपके खेत का काम हो इसके लिए मजदूरों से ज्यादा मशीनों पर भरोसा करना पड़ेगा. अच्छी पैदावार हो इसके लिए बारीकी से फसलों का ख्याल रखना होगा. जिसमें फसलों की सिंचाई भी सबसे प्रमुख है. फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को इन दिनों स्प्रिंकलर तकनीक पंसद आ रही है.
किसानों की पसंदीदा स्प्रिंकलर सिंचाई
इन दिनों रबी सीजन की खेती चल रही है और क्षेत्र में सबसे ज्यादा बड़े रकबे में गेहूं की खेती की जाती है. ऐसे में किसान प्रकाश द्विवेदी, सत्य कुमार सिंह अपने खेतों में गेहूं की सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर का भरपूर उपयोग कर रहे हैं. किसान सत्य कुमार सिंह बताते हैं कि "वो अपने खेतों की सिंचाई स्प्रिंकलर से ही करते हैं. स्प्रिंकलर से सिंचाई करने में मजूदरों की मेहनताना के साथ समय भी बचता है और पानी की भी बचत होती है."
स्प्रिंकलर सिंचाई के फायदे
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक दीपक चौहान बताते हैं कि "स्प्रिंकलर से सिंचाई के कई फायदे होते हैं. जिस तरह से बारिश का पानी गिरता है ठीक उसी तरह फसलों पर घूम-घूम कर बारिश की तरह पानी जाता है. जिससे फसलों को एक अच्छा ठंडा वातावरण मिलता है और फसलें इसमें इको फ्रेंडली रहती हैं. जिससे फसलों का ग्रोथ अच्छा होता है. स्प्रिंकलर से पानी की सिंचाई करने पर 40% तक पानी को बचाया जा सकता है."
'स्प्रिंकलर से डाल सकते हैं खाद'
वैज्ञानिक दीपक चौहान बताते हैं कि "मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर जिससे हम फसल के हिसाब से स्प्रिंकलर उपयोग करके उसका इस्तेमाल कर सकते हैं. सब्जियों के लिए मिनी माइक्रो स्प्रिंकलर भी आ रहे हैं सब्जियों की खेती में इसका किसान इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके अलावा आप स्प्रिंकलर के माध्यम से खाद भी डाल सकते हैं. बस फर्क ये होता है कि जब आप ड्रिप से खाद डालते हैं तो उसमें ब्लॉक सिस्टम होता है लेकिन इसमें ब्लॉक सिस्टम नहीं होता है."
'सरकार दे रही सब्सिडी'
शहडोल उद्यानिकी विभाग के ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी विक्रम कलमेबताते हैं कि "स्प्रिंकलर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत दिया जाता है और इसमें अच्छी खासी सब्सिडी भी है. जो छोटे किसान हैं उन्हें 55% और जो बड़े किसान हैं उन्हें 45% तक सब्सिडी मिलती है. बड़े किसान में वो किसान आते हैं जिनके पास 5 एकड़ से ज्यादा की जमीन है और छोटे किसान के अंतर्गत वो आते हैं जिनके पास 5 एकड़ से कम की जमीन है. उद्यानकी विभाग और कृषि विभाग में आवेदन करके स्प्रिंकलर का लाभ ले सकते हैं."