Bumper Paddy Production Steps:लंबे इंतजार के बाद ही सही शहडोल जिले में बारिश का दौर जारी है. इस बारिश ने अब किसानों और लोगों के चेहरे पर खुशी ला दी है. बारिश न होने से लोग काफी चिंतित थे, क्योंकि किसानों के फसलों का नुकसान हो रहा था. खेत सूखे पड़े थे, नदी तालाब सूखे पड़े थे और धान की फसल की नर्सरी तैयार थी. खेतों में पानी न होने की वजह से धान की रोपाई नहीं हो पा रही थी. ऐसे में अब बारिश का दौर शुरू हो गया है उसने किसानों को थोड़ी राहत दी है, अभी भी रुक रुक कर बारिश का दौर जारी है.
खिले किसानों के चेहरे
इस झमाझम बरसात में अब किसानों के चेहरे में भी एक चमक ला दी है. किसानों के चेहरे खिल उठे हैं क्योंकि गुरुवार से पहले तक जो बारिश नहीं हो रही थी उससे किसान मायूस थे. खेतों में पानी न होने की वजह से धान की रोपाई नहीं हो पा रही थी. नर्सरी ओवरएज हो रही थी, ऐसे में किसान चिंतित था की लागत भी लग चुकी है और अगर बारिश नहीं होगी तो नर्सरी ट्रांसप्लांट नहीं होगी जिससे काफी नुकसान हो जाएगा. लेकिन बारिश के चलते अब किसान अपने खेतों पर एक बार फिर से नजर आने लगे हैं. धान की रोपाई का काम भी शुरू हो चुका है.
खेतों में धान की रोपाई शुरु
बारिश का दौर शुरू होने के बाद अब किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है. बता दें कि, शहडोल जिले में सबसे ज्यादा बड़े रकबे में धान की खेती की जाती है. छोटे बड़े सभी तरह के किसान धान की खेती करते हैं और लगभग 80% किसान ऐसे हैं जो इस बारिश के पानी पर आश्रित होकर धान की खेती करते हैं. धान की खेती में सबसे ज्यादा पानी की जरूरत होती है. नर्सरी तैयार करने से लेकर नर्सरी को दूसरे खेतों में ट्रांसप्लांट करने तक और धान की फसल को पकाने तक के लिए पानी की जरूरत होती है.
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