शहडोल: शहडोल जिले में गुरुवार को सातवां रीजनल इंडस्ट्रियल कॉनक्लेव का आयोजन किया गया. जिसमें कई ऐसे युवा भी शामिल हुए, जिन्होंने गजब का स्टार्टअप शुरु किया है. एक ऐसे ही युवा ईटीवी भारत संवाददाता को मिले. जिन्होंने बांस पर एक ऐसा काम किया है, जिसकी अब हर ओर तारीफ हो रही है. उसकी मार्केट में खूब डिमांड भी है. इन दोनों युवाओं का स्टार्टअप जमकर सुर्खियां बटोर रहा है.
बांस से बने सामानों की गजब डिमांड
शहडोल संभागीय मुख्यालय में सातवें रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया. वहां कई ऐसे युवा भी अपने स्टार्टअप को लेकर आए हुए थे जो अनायास ही लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे थे. इनमें से एक स्टाल था बांस से बने प्रोडक्ट का, जो दो युवाओं का स्टार्टअप है. बांस से बने सामानों को लेकर स्टॉल लगाया गया था और उनकी दुकान पर जमकर भीड़ भी देखने को मिल रही थी. बांस से बने इन दैनिक उपयोग की वस्तुओं को लोग खरीद भी रहे थे. कोई बॉटल पसंद कर रहा था तो कोई डायरी पसंद कर रहा था. किसी को ब्रश पसंद आ रहा था. जो भी दुकान पर आ रहा था, कुछ ना कुछ सामान यहां से जरूर खरीद रहा था.
शहडोल के दो युवाओं ने गजब का स्टार्टअप शुरु किया (ETV Bharat) दो युवाओं का स्टार्टअप
ईटीवी भारत के संवाददाता की मुलाकात बांस से बने इन दैनिक उपयोग की वस्तुओं को बेच रहे दुकानदार रवि सिंह नाम के युवक से हुई. जो इस स्टार्टअप के को-फाउंडर हैं. वो बताते हैं कि, ''हम दो लोगों ने मिलकर एक नया स्टार्टअप शुरू किया है. सुजीत तिवारी स्टार्टअप के फाउंडर हैं और वह इस स्टार्टअप के को-फाउंडर हैं. हम दोनों युवाओं ने मिलकर एक नया स्टार्टअप शुरू किया है. जिनमें बांस से बनी दैनिक उपयोग की सारी वस्तुएं बना रहे हैं.''
बांस से बने घरेलू प्रोडक्ट्स डिमांड में (ETV Bharat) इन दोनों युवाओं का कहना है, ''अभी भी हम बहुत सारे सामान बांस से बना रहे हैं, जो दैनिक उपयोग में इस्तेमाल होते हैं. इसके अलावा आगे चलकर हम सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक में जो सामान उपयोग में आते हैं, (चाहे डेली जीवन के उपयोग में होने वाले सामान हों, इलेक्ट्रॉनिक हो, फर्नीचर हो) हम सभी लेकर आएंगे. अभी फर्नीचर तो हमारा लगभग तैयार है. इलेक्ट्रॉनिक में म्यूजिक सिस्टम भी बहुत जल्द हम बनाकर लाने वाले हैं. इसका भी बहुत कुछ कंप्लीट हो चुका है.''
रीजनल इंडस्ट्रियल कॉनक्लेव में स्टार्टअप की दुकान (ETV Bharat) बांस बनेगा प्लास्टिक का रिप्लेसमेंट
रवि सिंह बताते हैं कि, ''वो और उनके दोस्त सुजीत दोनों लोग सतना के रहने वाले हैं. शुरू से ही दोनों का मकसद रहा है कि प्लास्टिक का कुछ रिप्लेसमेंट निकाला जाए. इसीलिए इन्होंने ये स्टार्टअप शुरू किया था. क्योंकि प्लास्टिक को गलने में 400 से 500 साल का समय लग जाता है और उसका अल्टरनेटिव निकालने के लिए बंबू से बेस्ट कुछ नहीं हो सकता है. इसीलिए वो बांस के प्रोडक्ट बना रहे हैं और अपनी कंपनी का नाम भी 'बैंबू वर्ल्ड' रखा है. जिसमें वो डेली लाइफ के प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं और अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा है.''
दो युवाओं का गजब स्टार्टअप (ETV Bharat) कितने में शुरू किया स्टार्टअप?
रवि सिंह बताते हैं कि, ''पहला प्रोडक्ट 450 रुपए में बनाया था. उन्होंने अपने स्टार्टअप की शुरुआत 8 महीने पहले की है. लेकिन इसके लिए प्लान करना 2 साल पहले शुरू कर दिया था, तब जाकर यह इंप्लीमेंट हो पाया है.'' उसने बताया कि बैंबू प्लास्टिक के रिप्लेसमेंट का सबसे अच्छा माध्यम है.'' बात एजुकेशन की की जाए तो दोनों युवाओं ने बीबीए और एमबीए किया है.''
कितनी डिमांड, कितना दाम
बांस से बने सामान क्या बहुत ज्यादा महंगे हैं? इसे लेकर रवि सिंह बताते हैं कि, ''ऐसा कुछ भी नहीं है, आप एक ब्रश को ही लेकर देख लीजिए. जो ब्रश आते हैं वह ₹100 से लेकर 150 रुपए तक के आते हैं. लेकिन हमारे पास जो नॉर्मल ब्रश है वह ₹30 का है और जो प्रीमियम ब्रश है वह 99 रुपए का है.'' रवि सिंह बताते हैं कि, ''अभी जो सामान बना रहे हैं, उसमें 80 परसेंट तो वह लोग खुद बना रहे हैं और 20% वो लोग बाहर के रिसोर्स से ले रहे हैं. अभी तक 8 महीने में उनको अच्छा रिस्पांस मिला है और लोग काफी ज्यादा पसंद भी कर रहे हैं. वह हर इन्वेस्टर मीट में इसे ले जाकर लॉन्च कर रहे हैं."