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3 फीट बर्फ के बीच ट्रेकर्स पहुंचे भगवान गणेश की जन्मस्थली डोडीताल, जमी झील को देख हो गए मोहित - Dodital Darwa Pass Trek

Trekkers Group Reach Dodital in Uttarkashi अपने शांत और सुंदर वातावरण की वजह से सबसे खूबसूरत ऊंची झीलों में डोडीताल भी शामिल है. जो 3100 मीटर की ऊंचाई पर करीब 1 किमी के दायरे में फैली है. यहां पर मां अन्नपूर्णा का मंदिर भी है. माना जाता है कि यहां पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था. इनदिनों यहां करीब 3 फीट बर्फ जमी है. इस कड़ी में 7 सदस्यीय ट्रेकर्स का दल डोडीताल जाकर लौट आया है.

Dodital Darwa Pass Trek
डोडीताल में ट्रेकर्स

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 20, 2024, 5:06 PM IST

उत्तरकाशी:बर्फबारी के बाद साल का पहला 7 सदस्यीय ट्रेकर्स का दल डोडीताल पहुंचा. इससे पहले भारी बर्फबारी के कारण ट्रेकर्स मांझी तक ही पहुंच पा रहे थे. समुद्रतल से करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर डोडीताल स्थित है. डोडीताल पहुंचे पहले दल ने बताया कि वहां पर करीब डेढ़ किमी में फैली झील 90 फीसदी जमी हुई है, जो एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

खास पल को कैमरे में कैद करते ट्रेकर्स

7 सदस्यीय दल पहुंचा डोडीताल, 3 फीट बर्फबारी में तय की 7 किमी की दूरी: ट्रेकिंग व्यवसायी राजेश पंवार ने बताया कि बीते 18 मार्च यानी सोमवार की सुबह पुणे, राजस्थान और गुड़गांव के 7 सदस्यीय दल अगोड़ा से डोडीताल के लिए रवाना हुआ. जिसमें 5 पुरुष और 2 महिला ट्रेकर्स शामिल रहे. ट्रेकर्स ने 7 किमी की दूरी करीब 3 फीट बर्फबारी में तय की. सोमवार शाम को इस साल का पहला 7 सदस्यीय ट्रेकर्स दल डोडीताल पहुंचा.

जो कि मंगलवार को वापस अगोड़ा लौट आए हैं. ट्रेकिंग व्यवसायी राजेश पंवार ने बताया कि इससे पहले दो दलों ने इस साल डोडीताल पहुंचने की कोशिश की थी, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण यह दोनों दल मांझी तक ही पहुंच पाए. जिसके बाद इन्हें वापस लौटना पड़ा. मांझी कैंप से डोडीताल की दूरी 5 किमी है.

डोडीताल में ट्रेकर्स

ट्रेकर्स दल के लीडर हार्दिक और लव रावत ने बताया कि मांझी से डोडीताल तक अभी भी 3 फीट बर्फ जमा है. जिससे डोडीताल तक पहुंचने के लिए उन्हें बर्फ के बीच ट्रेकिंग में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. वहींं, डोडीताल में एक किमी में फैली झील 90 प्रतिशत जमी हुई है, जिसे देखना एक अलग ही अनुभव था. जहां निचले इलाकों में तापमान बढ़ने लगा है तो वहीं डोडीताल में झील अभी भी बर्फ से पूरी तरह ढकी हुई है.

डोडीताल में मौजूद है प्राकृतिक झील, माना जाता है भगवान गणेश की जन्मस्थली: बता दें कि डोडीताल में करीब एक किमी में फैली लंबी-चौड़ी प्राकृतिक झील है. जिसके एक किनारे पर मां अन्नपूर्णा का प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर में भगवान गणेश अपनी माता अन्नपूर्णा के साथ विराजमान हैं. माना जाता है कि डोडीताल में भगवान गणेश का जन्म हुआ था. इस वजह से इसे गणेश का जन्मस्थली भी कहा जाता है.

डोडीताल का खूबसूरत नजारा

ऐसी मान्यता है कि डोडीताल ही मां अन्नपूर्णा का स्नान स्थल था, जहां एक समय मां अन्नपूर्णा विहार कर रही थी. तब उन्होंने ही यहां गणेश की उत्पत्ति की थी और गणेश को द्वारपाल बनाकर खड़ा किया. भगवान गणेश को किसी को भी अंदर न आने देने का आदेश दिया. भगवान शिव को गणेश ने रोका. जिससे क्रोधित होकर उन्होंने गणेश का मस्तक काट दिया था.

ग्रामीण केलसू को मानते हैं शिव का कैलाश: स्थानीय लोग केलसू को ही शिव का कैलाश बताते हैं. स्थानीय बोली में लोग भगवान गणेश को यहां डोडी राजा कहते हैं. जो केदारखंड में भगवान गणेश के लिए प्रचलित नाम डुंडीसर का अपभ्रंश माना जाता है. यहां पर हर साल काफी संख्या में देशी विदेश से पर्यटक और श्रद्धालु पहुंचते हैं.

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