सिवनी: किसी भी इलाके के विकास के लिए सबसे जरूरी सड़कें होती हैं. इस आधार पर जिले की अंदरूनी क्षेत्रों की सड़कों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां कितना विकास हुआ है. आजादी के बाद से ही ग्रामीण क्षेत्रों के लोग जिला, विकासखंड व ग्राम पंचायत मुख्यालयों को गांव से जोड़ने वाली सड़कें व पुल पुलिया की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन ग्रामीण अंचलों में अब तक ना तो सड़कें पहुंच पाई हैं और ना ही पुल-पुलियों का निर्माण हो पाया है. ऐसा ही एक मामला सिवनी जिले से ग्रामीण टकटकी से आया है. यहां के ग्रामीण आजादी के बाद से विकास की राह देख रहे हैं.
बारिश में मढ़ी गांव का रास्ता दलदल में तब्दील
दरअसल पूरा मामला सिवनी जिले की लखनादौन विधानसभा अंतर्गत खमरिया गुर्जर से मढ़ी पहुंच मार्ग का है, जिसकी दूरी लगभग दो किलोमीटर है. इस मार्ग से करीब 20 गांवों के लोग जुड़े हुए हैं. जिसमें बरसात के दिनों में कीचड़ भरा रहता है और बाकी दिनों में धूल से राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बारिश के दिनों में इन गांवों से मुख्य मार्ग तक पहुंचा बहुत कठिन हो जाता है. अगर गांव में कोई बीमारी पड़ जाए तो गांव तक एंबुलेंस व कोई अन्य साधन नहीं पहुंच पाता है. ग्रामीण मरीज को खाट पर लिटाकर मुख्य सड़क तक पहुंचाते हैं.
रास्ता न होने के कारण स्कूल नहीं पहुंच रहे बच्चे
ग्राम मढ़ी में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है. जहां मोहगांव गुजर, रामनगरी, करबडोल, पलारी, सिंघोड़ी, खमरिया गुर्जर सहित आसपास के कई गांवों के बच्चे भी इसी रास्ते से पढ़ने जाते हैं. कीचड़ की वजह से उनको लेट भी होता है, तो कई बार उनके कपड़े भी खराब हो जाते हैं. साथ ही गिरते-पड़ते स्कूल पहुंचते हैं. क्षेत्रीय किसान व मरीजों को भारी मुसीबतों से जूझना पड़ता है. आजादी के सात दशक बाद भी कई सांसद, विधायक आए और गए लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया.