लखनऊ :प्रदेश में संचालित 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीवीबी) की सुरक्षा, संरक्षा और शैक्षिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार ने त्रैमासिक निरीक्षण, औचक जांच और नियमित समीक्षा के कड़े निर्देश जारी किए हैं. पूर्व के शासनादेश में संशोधन कर यह नई व्यवस्था लागू की गई है. इसका उद्देश्य बालिकाओं को सुरक्षित, स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक वातावरण प्रदान करना है. समीक्षा बैठक में सीएम योगी के सामने अफसरों और मंत्रियों ने अपनी बात रखी.
प्रदेश सरकार के इस कदम के तहत इन विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे, डोरमेट्री में रात्रि प्रवास, सुरक्षा गार्ड की तैनाती, साइबर सुरक्षा जागरूकता, सेफ-टच और अनसेफ-टच पर प्रशिक्षण और नियमित स्वास्थ्य जांच जैसे कदम अनिवार्य किए गए हैं. इसके साथ ही, बालिकाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए माता-पिता या अधिकृत अभिभावक की पहचान के बिना विद्यालय में प्रवेश पर कड़ी रोक लगाई गई है.
ड्रॉप बॉक्स भी लगाए जाएंगे :विद्यालयों में शिकायत और सुझाव प्राप्त करने के लिए ड्रॉप बॉक्स स्थापित किए जाएंगे, जिससे छात्रों और अभिभावकों को अपनी समस्याएं आसानी से साझा करने का अवसर मिलेगा. इसके अलावा, किसी भी अप्रिय घटना की सूचना तुरंत उच्च अधिकारियों को दी जाएगी, ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकें. इसके साथ ही, निरीक्षण और उपस्थिति को दर्ज करने के लिए 'प्रेरणा' पोर्टल का उपयोग अनिवार्य किया गया है, जिससे सभी प्रक्रियाएं सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनी रहें.
डिप्टी डायरेक्टर बोले- निरीक्षण दल में महिला सदस्य होना अनिवार्य :डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मुकेश सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन द्वारा गठित 3 सदस्यीय निरीक्षण दल में एक महिला अधिकारी का शामिल होना अनिवार्य किया गया है, जो विद्यालयों के संचालन और शैक्षिक गुणवत्ता की निगरानी करेंगे. निरीक्षण के दौरान पठन-पाठन, बालिकाओं की सुरक्षा, आवासीय सुविधाएं, भोजन की गुणवत्ता, स्वास्थ्य सेवाएं और बालिकाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता को प्राथमिकता दी जाएगी. इस सख्त प्रावधान का उद्देश्य बालिकाओं के शैक्षिक और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देना है, साथ ही उन्हें एक ऐसा सुरक्षित माहौल प्रदान करना है, जहां वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक और आत्मनिर्भर बन सकें.