बस्तर दशहरा की दूसरी रस्म, जानिए क्यों डेरी गढ़ई के बिना नहीं बनता रथ - Deri Gadai Rasm - DERI GADAI RASM
Second ritual of Bastar Dussehra विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा की दूसरी बड़ी रस्म सोमवार को पूरी की गई.डेरी गढ़ई रस्म के बाद ही रथ बनाने का काम शुरु किया जाता है. इस रस्म के बिना रथ निर्माण शुरु नहीं होता. Deri Gadai Rasm
बस्तर दशहरा की दूसरी रस्म (ETV Bharat Chhattisgarh)
जगदलपुर : विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की दूसरी महत्वपूर्ण रस्म डेरी गढ़ई पूजा विधान सोमवार को सिरहासार भवन में निभाई गई. ये रस्म आस्था और श्रद्धा के साथ पूरे उत्साहपूर्वक पूरी हुई. इस दौरान बाजे-गाजे के साथ पारम्परिक विधि-विधान से डेरी गड़ाई रस्म की अदायगी हुई.डेरी गढ़ई रस्म के तहत बस्तर की आराध्य देवी दंतेश्वरी से विशालकाय 8 चक्कों वाले विजय रथ निर्माण के लिए अनुमति ली जाती है.
डेरी गढ़ई के बिना नहीं बनता रथ (ETV Bharat Chhattisgarh)
बस्तर दशहरा की दूसरी रस्म (ETV Bharat Chhattisgarh)
कैसे होती है रस्म ?:परंपरा के अनुसार बिरनपाल गांव से साल पेड़ की दो टहनियां लाई जाती हैं और रस्म अदायगी के पहले उन पर हल्दी का लेप लगाया जाता है. डेरी स्थापित करने के लिए 15 से 20 फीट की दूरियों पर 2 गड्ढे किए जाते हैं.इन गड्ढों में दशहरा समिति के सदस्य और पुजारी परंपरा अनुसार डेरी स्थापित करते हैं. इस दौरान मोंगरी मछली और अंडा देवी को चढ़ाया जाता है. डेरी गढ़ई विधान को पूरा करने के के बाद बस्तर दशहरा समिति और टेंपल कमिटी के पदाधिकारी एक दूसरे को हल्दी भी लगाते हैं. इस रस्म के बाद अब जल्द ही रथ निर्माण का काम शुरू होता है.
बस्तर दशहरा की दूसरी बड़ी रस्म (ETV Bharat Chhattisgarh)
इस दौरान दशहरा समिति के अध्यक्ष बस्तर सांसद महेश कश्यप ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध बस्तर की दूसरी बड़ी रस्म की अदायगी विधि विधान से की गई है. और इस रस्म के बाद रथ निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा.
परिसर में हुई पूजा की रस्म (ETV Bharat Chhattisgarh)
बस्तर दशहरा की दूसरी रस्म पूरी (ETV Bharat Chhattisgarh)
''पर्यटकों और छत्तीसगढ़ के साथ ही क्षेत्र के सभी लोगों को बस्तर दशहरे को देखने के लिए निमंत्रण दिया जा रहा है. बस्तर की जल जंगल जमीन से जुड़े परंपरा को देखने के लिए आप सभी का स्वागत है.'' महेश कश्यप,सांसद
''रियासत काल मे बस्तर के आदिवासी जंगल से लकड़ी कंधे में उठाकर या बैलगाड़ी से लेकर सिरहसार भवन तक लाते थे. लेकिन आज सुविधाएं बढ़ गई है.डेरी गढ़ई के बाद ही शुभ कार्य पूजा विधान किया जाता है.'' कृष्ण कुमार पाढ़ी,दंतेश्वरी मंदिर के मुख्य पुजारी
अब शुरु होगा रथ निर्माण का कार्य :वहीं बस्तर कलेक्टर हरीश एस. ने कहा कि पहली रस्म पाठजात्रा के बाद दूसरी बड़ी रस्म की आज अदायगी की गई. इस रस्म को काफी उत्साह के साथ निभाया गया. इसी रस्म के बाद अब रथ निर्माण का काम शुरु किया जाएगा.
इस मौके पर बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष सांसद महेश कश्यप, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष लक्ष्मण मांझी, कमिश्नर डोमन सिंह, कलेक्टर हरिस एस, अपर कलेक्टर सीपी बघेल, तहसीलदार एवं सचिव बस्तर दशहरा समिति रुपेश मरकाम मांझी-चालकी, मेंबर्स, पुजारी-सेवादार, बस्तर दशहरा समिति के सदस्यों के साथ ही बड़ी संख्या में आम जनता भी मौजूद थी.