रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत 24 फरवरी से हुई. 25 फरवरी को बजट सत्र का दूसरा दिन था. सदन में तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया गया. विधानसभा से 19762 करोड़ रूपए का तृतीय अनुपूरक बजट पारित किया गया. इस दौरान वित्त मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ को वित्तीय सुधारों के कारण केन्द्र सरकार से सर्वाधिक 6000 करोड़ की प्रोत्साहन राशि मिली है. अनुपूरक बजट को मिलाकर वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के बजट का आकार कुल 175342 करोड़ रूपए का हो गया है. इसमें मुख्य बजट के रूप में पारित 147446 करोड़ रुपये हैं. जिसमें प्रथम अनुपूरक बजट में 7 हजार 329 करोड़ रूपए, द्वितीय अनुपूरक बजट में 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए और तृतीय अनुपूरक बजट में 19762 करोड़ 12 लाख 42 हजार 523 रूपए शामिल है.
वित्त मंत्री ने मोदी की गारंटी का किया जिक्र: इस दौरान वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने मोदी की गारंटी का जिक्र किया. उन्होंने तृतीय अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता पीएम नरेन्द्र मोदी की गारंटी पर भरोसा करती है. सरकार बनने के 12 दिनों बाद ही मोदी जी की गारंटी के तहत साय सरकार ने 12 लाख से अधिक किसानों को दो साल का बकाया बोनस दिया. इसके तहत 3716 करोड़ रूपए का भुगतान किया.
धान खरीदी के रिकॉर्ड का जिक्र: वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इस दौरान धान खरीदी की रिकॉर्ड का जिक्र सदन में किया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने समर्थन मूल्य पर इस वर्ष 149 लाख टन धान की खरीदी की है, जो अपने आप में रिकॉर्ड है. उन्होंने कहा कि 31 जनवरी को धान खरीदी समाप्त हुई और एक सप्ताह के भीतर 25 लाख 49 हजार किसानों के बैंक खाते में 12 हजार करोड़ रूपए का भुगतान एकमुश्त किया गया. पूरे देश में इतना बड़ा ट्रांजैक्शन किसान भाइयों के खाते में करने का अपने आप में इतिहास है.
"6000 करोड़ की प्रोत्साहन राशि मिली": अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि हमने विभिन्न वित्तीय सुधारों के माध्यम से केंद्र सरकार से 6,000 करोड़ से अधिक की प्रोत्साहन राशि प्राप्त की है, जो देश में सर्वाधिक है. वित्तीय संतुलन बनाए रखने, पूंजीगत व्यय बढ़ाने और विकास योजनाओं को तेज करने की दिशा में यह बड़ा कदम है. पिछले सवा साल में छत्तीसगढ़ में गुड गवर्नेंस रहा है. यही कारण है कि छत्तीसगढ़ की जनता ने सीएम साय की सरकार को लगातार समर्थन दिया है.
अनुपूरक बजट में वित्तीय अनुशासन और सुधारों के जरिए पुराने घाटों को भरने का काम किया गया है. इसके तहत ब्याज बचत करते हुए भुगतान-देनदारी निपटाने के लिए बड़ा प्रावधान किया गया है. जिससे विकास में कोई बाधा न आए. हमारा लक्ष्य बेहतर वित्तीय प्रबंधन के साथ छत्तीसगढ़ को प्रगति की ऊंचाइयों तक ले जाना है- ओपी चौधरी, वित्त मंत्री, छत्तीसगढ़