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कोटा से लापता हुए कोचिंग छात्र रचित की जल, जंगल और जमीन पर तलाश, पिता ने घोषित किया इनाम

Search continues for coaching student Rachit, कोटा इंजीनियरिंग एंट्रेंस की कोचिंग करने आया रचित सोंधिया बीते 11 फरवरी से लापता है. उसकी तलाश को 6 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक उसका कुछ पता नहीं चल सका है. जल, जंगल व जमीन से लेकर हर जगह उसकी तलाश की जा रही है. इसमें उसके परिजनों के अलावा पुलिस, नगर निगम की गोताखोर टीम और एसडीआरएफ भी लगी हुई है.

Search continues for coaching student Rachit
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 17, 2024, 9:43 PM IST

कोटा.मध्य प्रदेश से कोटा इंजीनियरिंग एंट्रेंस की कोचिंग करने आया रचित सोंधिया 11 फरवरी से लापता है. बीते छह दिनों से उसकी तलाश की जा रही है, लेकिन अभी तक उसका कुछ पता नहीं चला है. जल, जंगल व जमीन से लेकर हर जगह उसे ढूंढा जा रहा है. उनकी तलाश में उसके परिजनों के साथ ही पुलिस, नगर निगम की गोताखोर टीम, एसडीआरएफ के जवान और डॉग स्क्वायड लगी हुई है.

डॉग स्क्वायड ने भी छाना जंगल :छात्र की गुमशुदी के बाद पुलिस भी इस मामले में जांच पड़ताल कर रही है. साथ ही छात्र की मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के गरडिया महादेव इलाके में एंट्री करते हुए सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था, जिसमें वो एंट्री के दौरान टिकट लेते दिखा था. वहीं, उसका बैग और चप्पल भी गरडिया महादेव के नजदीक मिला है, जिसमें मोबाइल, डायरी, रस्सी, चाकू सहित अन्य सामान थे. ऐसे में पुलिस ने इसके आधार पर डॉग स्क्वॉड के जरिए पूरे जंगल में छानबीन की है, लेकिन पुलिस को अभी तक सफलता नहीं मिली है. डॉग स्क्वाड भी ज्यादा इनपुट नहीं दे पा रहा है. इसके अलावा एसडीआरएफ की टीम को जिस जगह छात्र का बैग मिला है. उसके आसपास सघन तलाशी की जा रही है.

लापता छात्र की तलाश जारी

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पिता ने घोषित किया इनाम :दूसरी तरफ छात्र के पिता जय नारायण सोंधिया भी कोटा में डटे हुए हैं. वो अपने बच्चे की खुद भी तलाश कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपने बच्चे की तलाश शुरू की है. इसके लिए उन्होंने पता बताने वाले व्यक्ति को इनाम देने की भी घोषणा की है. इसके अलावा उन्होंने पंपलेट भी छपवा लिए हैं. वहीं, गोताखोर टीम को लीड कर रहे विष्णु श्रृंगी ने बताया कि मोबाइल नेटवर्क वहां पर नहीं आता है. ऐसे में वॉकी टॉकी के जरिए आपस में बात करते हुए छात्र की तलाश की जा रही है. उनका कहना है कि वो लगातार 6 दिन से बच्चे की तलाश कर रहे हैं.

जान जोखिम में डालकर चला रहे तलाशी अभियान :नगर निगम के गोताखोर करीब 5 से 6 घंटे पानी में रहकर रचित की तलाश कर रहे हैं. कई बार स्कूबा डाइविंग भी उन्हें करनी पड़ रही है. इसके अलावा पानी में लगातार भीगने के चलते उनकी भी तबीयत खराब होती जा रही है. इस गोताखोर टीम को विष्णु श्रृंगी लीड कर रहे हैं. इसमें जावेद, हुसैन, चंगेज खान, रॉकी डैनियल, असीम हुसैन, राकेश सेन, महिपाल सिंह , अंकित राठौर व नरेंद्र यदुवंशी शामिल हैं. यह गोताखोर सुबह 9 बजे के आसपास नाव में बैठ जाते हैं और उन्हें घटनास्थल पर पहुंचने में डेढ़ घंटे का वक्त लगता है. वहीं, शाम को 6 बजे तक तलाश करते हैं और उसके बाद अंधेरा होने पर वापस लौट आते हैं. बीते 5 दिनों से इनका यही शेड्यूल चल रहा है.

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जिस जगह से खोया छात्र वहां कोई आवाजाही नहीं :जिस जगह से छात्र गुम हुआ है, वहां पर कोई आवाजाही नहीं है. वह मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिटर्न का जंगल है. ऐसे में वहां पर न तो कोई देखने वाला है और न ही कोई समझने वाला. केवल जंगली जानवरों का खतरा है. ऐसे में जंगल और जंगल के आसपास के इलाकों में स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ की टीम सर्च कर रही है. इस एरिया में रोज पुलिस और एसडीआरएफ करीब 10 से 15 किलोमीटर में सर्च अभियान चलाती है और झाड़ियां और पेड़ों के पीछे से लेकर हर जगह पर छात्र की तलाश की जा रही है.

कमरे से मिला सुसाइड नोट :रचित साल 2023 में ही कोटा आया था. उसे उसके पिता ने जवाहर नगर थाना इलाके के महावीर नगर प्रथम स्थिति हॉस्टल में रूम दिलाया था. इस हॉस्टल में ही 11 फरवरी को वह सुबह एग्जाम देने की बात कह कर निकाला था. उसके बाद वापस नहीं आया. जब उसके हॉस्टल के कमरे की जांच की गई तो वहां से सुसाइड नोट बरामद हुआ. साथ ही मोबाइल गेमिंग का एडिक्शन होने की बात भी सामने आई.

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विष्णु श्रृंगी का कहना है कि जिस जगह पर गोताखोर की टीम तलाश कर रही है. वहां पर किनारे से 200 फीट ऊंची चट्टानें हैं, जिसके ऊपर मुकुंदरा का जंगल है. ऐसे में ऊपर जंगली जानवर पैंथर, भालू और लकड़बग्घा सहित अन्य का खतरा बना हुआ है. दूसरी तरफ चंबल नदी में जहां पर तलाश चल रही है. वहां पर बड़ी संख्या में मगरमच्छ और ऊदबिलाव भी मौजूद हैं. गोताखोरों को इन 200 फीट ऊंची चट्टानों पर चढ़कर ऊपर भी जाना पड़ता है, जिसकी में काफी समय लगता है और परेशानी भी होती है. कई जगहों पर सीधी चढ़ाई होने पर रस्सियों का उपयोग करके वो एक-दूसरे को चढ़ाते हैं.

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