कोटा.मध्य प्रदेश से कोटा इंजीनियरिंग एंट्रेंस की कोचिंग करने आया रचित सोंधिया 11 फरवरी से लापता है. बीते छह दिनों से उसकी तलाश की जा रही है, लेकिन अभी तक उसका कुछ पता नहीं चला है. जल, जंगल व जमीन से लेकर हर जगह उसे ढूंढा जा रहा है. उनकी तलाश में उसके परिजनों के साथ ही पुलिस, नगर निगम की गोताखोर टीम, एसडीआरएफ के जवान और डॉग स्क्वायड लगी हुई है.
डॉग स्क्वायड ने भी छाना जंगल :छात्र की गुमशुदी के बाद पुलिस भी इस मामले में जांच पड़ताल कर रही है. साथ ही छात्र की मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के गरडिया महादेव इलाके में एंट्री करते हुए सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था, जिसमें वो एंट्री के दौरान टिकट लेते दिखा था. वहीं, उसका बैग और चप्पल भी गरडिया महादेव के नजदीक मिला है, जिसमें मोबाइल, डायरी, रस्सी, चाकू सहित अन्य सामान थे. ऐसे में पुलिस ने इसके आधार पर डॉग स्क्वॉड के जरिए पूरे जंगल में छानबीन की है, लेकिन पुलिस को अभी तक सफलता नहीं मिली है. डॉग स्क्वाड भी ज्यादा इनपुट नहीं दे पा रहा है. इसके अलावा एसडीआरएफ की टीम को जिस जगह छात्र का बैग मिला है. उसके आसपास सघन तलाशी की जा रही है.
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पिता ने घोषित किया इनाम :दूसरी तरफ छात्र के पिता जय नारायण सोंधिया भी कोटा में डटे हुए हैं. वो अपने बच्चे की खुद भी तलाश कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपने बच्चे की तलाश शुरू की है. इसके लिए उन्होंने पता बताने वाले व्यक्ति को इनाम देने की भी घोषणा की है. इसके अलावा उन्होंने पंपलेट भी छपवा लिए हैं. वहीं, गोताखोर टीम को लीड कर रहे विष्णु श्रृंगी ने बताया कि मोबाइल नेटवर्क वहां पर नहीं आता है. ऐसे में वॉकी टॉकी के जरिए आपस में बात करते हुए छात्र की तलाश की जा रही है. उनका कहना है कि वो लगातार 6 दिन से बच्चे की तलाश कर रहे हैं.
जान जोखिम में डालकर चला रहे तलाशी अभियान :नगर निगम के गोताखोर करीब 5 से 6 घंटे पानी में रहकर रचित की तलाश कर रहे हैं. कई बार स्कूबा डाइविंग भी उन्हें करनी पड़ रही है. इसके अलावा पानी में लगातार भीगने के चलते उनकी भी तबीयत खराब होती जा रही है. इस गोताखोर टीम को विष्णु श्रृंगी लीड कर रहे हैं. इसमें जावेद, हुसैन, चंगेज खान, रॉकी डैनियल, असीम हुसैन, राकेश सेन, महिपाल सिंह , अंकित राठौर व नरेंद्र यदुवंशी शामिल हैं. यह गोताखोर सुबह 9 बजे के आसपास नाव में बैठ जाते हैं और उन्हें घटनास्थल पर पहुंचने में डेढ़ घंटे का वक्त लगता है. वहीं, शाम को 6 बजे तक तलाश करते हैं और उसके बाद अंधेरा होने पर वापस लौट आते हैं. बीते 5 दिनों से इनका यही शेड्यूल चल रहा है.