सवाई माधोपुर :जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक बुधवार को सवाई माधोपुर पहुंचे, जहां सर्किट हाउस में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने उनका स्वागत किया. इस दौरान मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मालिक ने गृहमंत्री अमित शाह के संसद में बाबा साहब को लेकर दिए बयान पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर इस तरह की टिपण्णी नहीं करनी चाहिए थी.
मैंने हटवाई धारा 370 :आगे जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के सवाल पर सत्यपाल मालिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 उन्होंने हटवाई है. पूर्व राज्यपाल ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का इरादा जाहिर किया था. ऐसे में जब उन्हें लगा कि ये एक अच्छा काम है, तो उन्होंने इसे आगे बढ़ाया और मोदी सरकार ने उसे पास कराया. उसके बाद जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हट गई. अगर वो चाहते तो मना भी कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि ये एक अच्छी पहल थी.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (ETV BHARAT Sawai Madhopur) इसे भी पढ़ें -MSP के लिए गोली चलेगी, लाठी चलेगी, लोग मरेंगे...गुजरात मॉडल कुछ नहीं : सत्यपाल मलिक
महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला को लेकर कही ये बड़ी बात :उन्होंने कहा कि धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में बहुत से बदलाव आए हैं. पहले वहां के लोग अपने आप को हिंदुस्तान से अलग मानते थे, लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां के लोग अब अपने आप को हिंदुस्तानी मानने लगे हैं. इतना ही नहीं पहले वहां के लोग अलगाववादी थे, लेकिन अब उनकी सोच बदली है. पहले वहां पत्थरबाजी हुआ करती थी. महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला कहते थे कि धारा 370 हटेगी, तो खून की नदियां बह जाएंगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. आज तेजी से कश्मीर में विकास हो रहा है. उन्होंने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में कोई भी सरकार चाहे, किसी की भी हो, वो वहां वापस धारा 370 को बहाल नहीं कर सकती है. जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को बहाल करना अब भूतकाल की बात हो गई है.
अपने वादे से मुकरी मोदी सरकार : किसान आंदोलन को लेकर सत्यपाल मलिक ने कहा कि देश की मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार है. जब किसान आंदोलन हुआ, तो मोदी सरकार को तीन काले कानूनों को वापस लेना पड़ा. साथ ही पीएम मोदी को किसानों से माफी तक मांगनी पड़ी और एमएसपी लागू करने का वादा भी करना पड़ा. खैर, अफसोस की बात यह है कि केंद्र सरकार ने आज तक किसानों से किया एमएसपी लागू करने का वादा पूरा नहीं किया है. केंद्र सरकार को एमएसपी लागू करनी चाहिए और किसानों की मांगों को लेकर जल्द से जल्द किसानों से वार्ता करनी चाहिए. अगर केंद्र सरकार ऐसा नहीं करती है, तो फिर से देश में बड़ा किसान आंदोलन होगा, जिसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी.
एक देश एक चुनाव को बताया अव्यावहारिक : एक देश एक चुनाव को लेकर मलिक ने कहा कि एक देश एक चुनाव व्यवस्था व्यावहारिक नहीं है. अगर किसी राज्य की सरकार गिर जाती है या बर्खास्त कर दी जाती है, तो फिर वहां क्या होगा? वहां सरकार कैसे काम करेगी और कैसे चुनाव होंगे. उन्होंने कहा कि एक देश एक चुनाव व्यावहारिक तौर पर सफल होता नजर नहीं आता है. आगे उन्होंने कहा कि सविधान को मोदी सरकार क्या कोई भी सरकार नहीं बदल सकती है.