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राजस्थान में उपचुनाव से पहले सरपंचों ने बढ़ाई सरकार की चिंता, 18 जुलाई को करने जा रहे ये बड़ा काम - Sarpanche Protest

राजस्थान में 5 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले प्रदेश के सरपंचों ने भजनलाल सरकार की चिंता बढ़ा दी है. लंबे समय से आंदोलन कर रहे प्रदेश की 11 लाख से ज्यादा सरपंचों ने मांगें नहीं मानने पर 18 जुलाई को विधानसभा घेराव की चेतावनी दी है.

सरपंचों ने बढ़ाई भजनलाल सरकार की चिंता
सरपंचों ने बढ़ाई भजनलाल सरकार की चिंता (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 12, 2024, 7:12 PM IST

सरपंचों ने बढ़ाई भजनलाल सरकार की चिंता (ETV Bharat jaipur)

जयपुर. लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे सरपंचों का सब्र का बांध अब टूटने लगा है. आंदोलन कर रहे सरपंचों ने सरपंच संघ राजस्थान के बैनर तले सभी जिलों में शुक्रवार को जिला कलेक्टरों को मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री के नाम ज्ञापन दिया. सरपंचों ने प्रदर्शन के दौरान चेतावनी दी कि यदि हमारी मांग नहीं मानी जाती है, तो 18 जुलाई को विधानसभा का घेराव किया जाएगा. 11 हजार से अधिक सरपंच इस घेराव में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि जनहित के मुद्दों को लेकर हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हो रही है.

सरपंच संघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने कहा कि सरपंच संघ अपने अधिकारों के लिए लगातार लड़ाई लड़ रहा है, पिछली सरकार में भी हमने आंदोलन किया था. नई भजनलाल सरकार को बने हुए 6 महीने हो चुके हैं, लेकिन इस सरकार ने सरपंचों की ओर अभी तक ध्यान नहीं दिया है. प्रदेश भर के सरपंच 8 जुलाई से लगातार आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य वित्त आयोग और केंद्रीय वित्त आयोग का पैसा बकाया चल रहा है. इसके अलावा 7000 करोड़ रुपए नरेगा के भी पंचायतों को नहीं मिले हैं.

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मांगों को पूरा किया जाए : बंशीधर गढ़वाल ने कहा कि सरकार पंचायत को पैसा नहीं दे रही है और जब तक पैसा नहीं मिलेगा, तब तक गांव का विकास कैसे होगा. बंशीधर गढ़वाल ने कहा कि अभी भजनलाल सरकार ने बजट में घोषणा की है कि नगर निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे, हम सरकार के इस कदम का समर्थन करते हैं, लेकिन कोरोना के कारण जिन पंचायत आगे पीछे चुनाव हुए हैं, उनका कार्यकाल बढ़ाया जाए. ऐसी पंचायत में प्रशासक ने लगाकर सरपंचों को ही उसका अधिकार दिया जाए. बजट नहीं मिलने के कारण सरपंच जनता के लिए काम नहीं कर पाएं. बंशीधर गढ़वाल ने सरकार से मांग की कि सरकार सरपंच संघ से वार्ता करे और हमारी मांगों को पूरा किया जाए.

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