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बस्तर में गूंज रहा चावल दो सरकार का नारा, एक क्लिक में जानिए पूरी कहानी - not getting ration in Bastar

बस्तर के आदिवासियों को सरकारी राशन नहीं मिल पा रहा है. इन आदिवासी ग्रामीणों का आरोप है कि हर माह इनके राशन में कटौती की जा रही है. अब गांव वालों ने चावल दो सरकार का नारा लगाना शुरू कर दिया है. Sarkar Give Me Rice

protested For not getting government ration
आदिवासियों को नहीं मिल रहा सरकारी राशन (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 18, 2024, 4:42 PM IST

बस्तर के आदिवासियों को नहीं मिल रहा सरकारी राशन (ETV Bharat)

बस्तर:बस्तर में सरकारी राशन से पेट भरने वाले बस्तर के आदिवासी ग्रामीण इन दिनों काफी परेशान हैं. इनका आरोप है कि सरकारी राशन दुकानों में मिलने वाले राशन में कटौती हो रही है. इस कारण ग्रामीणों को राशन नहीं मिल रहा है. सुबह से ही राशन लेने ग्रामीण राशन दुकान पहुंचकर लाइन लगाते हैं. ताकि उन्हें राशन मिले. हालांकि राशन दुकान ग्रामीणों के लिए खुलता ही नहीं है. हर दिन ग्रामीण राशन दुकान पहुंचते तो हैं, लेकिन दुकान न खुलने के कारण वापस निराश होकर लौट आते हैं.

हर माह समय पर नहीं मिलता राशन: ये मामला बस्तर जिले के तोकापाल ब्लॉक के रानसर्गीपाल का है. यहां के ग्रामीणों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. एक पीड़ित ग्रामीण ने कहा, "डेढ़ महीने से राशन नहीं मिल रहा है. राशन दुकान में हर महीने समय पर राशन नहीं मिल रहा है. साथ ही लगभग 100-50 लोगों को राशन नहीं दिया जा रहा है. सुबह से आकर खड़े रहते हैं लेकिन राशन नहीं मिलता है."

"हर महीने 100 से अधिक लोगों को राशन नहीं दिया जा रहा है. महीने में बराबर राशन किसी को नहीं दिया जा रहा है. लोग काफी परेशान हैं. ये लोग कहते हैं मोदी की गारंटी. मोदी की गारंटी नहीं दिख रही है. हमें राशन चाहिए, सरकार राशन दे." -पीड़ित ग्रामीण

खाद्य अधिकारी ने दिया आश्वासन: इस पूरे मामले में सहायक खाद्य अधिकारी दिव्या रानी कार्यान्त ने कहा, "अगस्त महीने में बस्तर जिले के अलग-अलग राशन दुकानों में राशन कटौती की जानकारी मिल रही है. इसके बाद राशन दुकानों के संचालकों की ओर से आवेदन देने पर समीक्षा करके अतिरिक्त भंडारण किया जा रहा है. कटौती का कारण कुछ दुकानों में स्टॉक की समस्या दिख रही है. कुछ दुकानों में फॉर्मूला बेस पर राशन की कटौती हो रही है. आबंटन डायरेक्ट्रेट से आता है. आबंटन के आधार पर ही भंडारण किया जाता है."

"ऐसा नहीं बोल सकते कि यह घोटाले के कारण हुआ है. उन्हें जानकारी मिल रही है कि ग्रामीण राशन के लिए परेशान हैं. उनकी परेशानी की जांच की जा रही है.अतिरिक्त भंडारण भी किया जा रहा है. फिलहाल अतिरिक्त चावल आबंटन के लिए 15-20 आवेदन खाद्य विभाग में पहुंचे हैं, जिसका निराकरण किया जा रहा है." -दिव्या रानी कार्यान्त, सहायक खाद्य अधिकारी

जहां एक ओर नक्सलगढ़ के ग्रामीणों ने हर माह समय से सरकारी राशन न मिलने की शिकायत की है. वहीं दूसरी ओर सहायक खाद्य अधिकारी जल्द समस्या के समाधान की बात कह रहे हैं.

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