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उत्तराखंड के स्कूलों में कक्षा एक से पढ़ाई जाएगी संस्कृत, हर जिले में बनेगा एक संस्कृत गांव - Sanskrit study in Uttarakhand - SANSKRIT STUDY IN UTTARAKHAND

Uttarakhand Sanskrit Education Department उत्तराखंड में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए धामी सरकार ने एक अहम फैसला लिया है, जिसके तहत कक्षा एक से संस्कृत विषय पढ़ाया जाएगा. साथ ही हर जिले में एक संस्कृत गांव बनेगा.

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उत्तराखंड के स्कूलों में कक्षा एक से पढ़ाई जाएगी संस्कृत (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 27, 2024, 3:39 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार संस्कृत विषय की पढ़ाई पर जोर दे रही है, लेकिन इसके बावजूद संस्कृत स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या घटती जा रही है. ऐसे में संस्कृत शिक्षा विभाग ने बड़ा निर्णय लिया है, जिसके तहत अब प्रदेश के स्कूलों में कक्षा एक से ही संस्कृत विषय पढ़ाया जाएगा. अभी तक कक्षा 6 से संस्कृत विषय की पढ़ाई शुरू होती थी, जिसके चलते छात्रों को पढ़ने में काफी कठिनाई होती थी. अब इस निर्णय के बाद न सिर्फ बच्चे शुरू से ही संस्कृत विषय पढ़ पाएंगे, बल्कि संस्कृत स्कूलों में बच्चों की संख्या भी बढ़ेगी.

संस्कृत शिक्षा विभाग के सचिव दीपक गैरोला ने बताया कि बच्चों को कक्षा एक से ही संस्कृत पढ़ाने के लिए हर जिले के पांच स्कूलों को मान्यता दी जाएगी. साथ ही प्रदेश के 10 जिलों में एक-एक गांव चिन्हित किए गए हैं, बाकी तीन जिलों में एक-एक गांव चिन्हित करने की प्रक्रिया जारी है. इसके अलावा संस्कृत शिक्षा विभाग ने ये भी निर्णय लिया है कि छात्राओं के साथ ही एससी, एसटी के छात्रों को भी संस्कृत शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. हाल ही में संस्कृत शिक्षा सचिव ने चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और टिहरी जिलों में मौजूद संस्कृत स्कूलों का निरीक्षण किया था. इस निरीक्षण के बाद ही प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तमाम कदम उठाने का निर्णय लिया गया था.

सचिव दीपक गैरोला ने बताया कि संस्कृत स्कूलों में शिक्षकों की कमी नहीं है, लेकिन छात्रों की संख्या काफी कम है. इसके चलते संस्कृत शिक्षा को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, लेकिन संस्कृत शिक्षा के लिए बजट नहीं है. ऐसे में संस्कृत शिक्षा के लिए करीब 100 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान का प्रस्ताव रखा जाएगा. साथ ही ये प्रयास किया जाएगा कि संस्कृत स्कूलों के छात्र-छात्राओं को स्कूल ड्रेस, पुस्तकें, मिड-डे मील समेत कुछ अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें.

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