सफाई कर्मचारियों ने शहर में निकाली रैली (ETV Bharat Kuchaman City) कुचामनसिटी :राजस्थान सफाई मजदूर संगठन के बैनर तले नगर परिषद के सफाई कर्मचारी छठे दिन मंगलवार को भी सामूहिक अवकाश पर रहे. सफाई भर्ती में केवल वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने सहित अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को सफाई कर्मचारियों ने शहर के प्रमुख मार्गों से होकर नगर परिषद कार्यालय तक रैली निकाली. साथ ही नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया. सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. जगह-जगह गंदगी और कचरे के ढेर लगे हैं.
सफाई संगठन अध्यक्ष गोविंद कुमार ने कहा कि रैली के माध्यम से राज्य सरकार को ये बताना चाहते हैं कि जल्द मांगें नहीं मानी गई तो हालात और खराब हो सकते हैं. वाल्मीकि समाज सदस्य प्रेम चंदेलिया ने कहा कि आज झाड़ू लेकर रैली निकाली है. सरकार नहीं सुनती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. आयुक्त को ज्ञापन सौंपेंगे. ये उनकी हठधर्मिता है, जो वाल्मीकि समाज बर्दाश्त नहीं करेगा.
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आयुक्त ने दी थाने में रिपोर्ट : रैली जब शहर के पुराना बस स्टेशन पहुंची तब वहां शहरी मनरेगा योजना से जुड़े कार्मिक, वैकल्पिक सफाई व्यवस्था के तौर पर सफाई कर रहे थे. आरोप है कि उन्हें देखते ही हड़ताली सफाई कर्मचारियों ने उनसे अभद्रता की. कुचामन थाना प्रभारी सुरेश कुमार चौधरी ने बताया कि नगर परिषद आयुक्त पिंटू लाल जाट की ओर से एक रिपोर्ट मिली है, जिसमें शहरी मनरेगा योजना में काम कर रहे कार्मिक के साथ अभद्रता के आरोप लगे हैं. इस बारे में जांच शुरू कर दी गई है और उचित कार्रवाई की जाएगी.
यह हैं प्रमुख मांगें :सफाई कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में सफाई कर्मचारी भर्ती के नियमों में बदलाव किए जाने के साथ सफाई कर्मचारी भर्ती प्रैक्टिकल के आधार पर प्रैक्टिकल का समय 1 वर्ष करने, सफाई कर्मचारी भर्ती प्रैक्टिकल में जो अभ्यार्थी सफाई का कार्य करें, उन्हें कार्य के परिश्रम का भुगतान मस्टरॉल के आधार पर करने की मांग है. साथ ही सफाई कर्मचारी भर्ती में प्रैक्टिकल में सफल रहे अभ्यर्थियों को एक वर्ष बाद स्थायी कर्मचारी घोषित करने, सफाई कर्मचारी भर्ती में परंपरागत सफाई कार्य से जुड़े वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने और सफाई कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया 2012 के अनुसार वाल्मीकि और हेला समाज को सीधी नियुक्ति देने की मांग की है. उनका कहना है कि वर्तमान भर्ती प्रक्रिया 2024 में 2012 के भर्ती नियमों में पूर्ण पालना नहीं की जा रही है, जो नियमानुसार गलत है. इसके अलावा सफाई कर्मचारी भर्ती में पूर्व में राज्य के नगर निगम और नगरीय निकायों में सफाई का कार्य किए गए कार्मिकों को अतिरिक्त बोनस अंक देकर वरीयता दी जाए.
जगह-जगह लगे कचरे के ढेर :सफाई कर्मचारियों के 26 जुलाई से सामूहिक अवकाश पर जाने से सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. शहर में न तो समय पर सफाई हो पा रही है और न ही कचरे का समय पर उठाव हो रहा है. ऐसे में बारिश का मौसम होने के कारण जगह-जगह पड़ा कचरा अब सड़ने लगा है. इसके कारण कचरे की दुर्गंध से लोगों का निकलना भी मुश्किल हो गया. साथ ही वातावरण प्रदूषित होने से बीमारियां फैलने का अंदेशा बना हुआ है.