पटना: कहते हैं कि जब ऊंची उड़ान का हौसला बना लिया है, तो फिर आसमान का कद देखना फिजूल है. कुछ लोग सफलता नहीं मिलने पर अपनी गरीबी और किस्मत को कोसते हैं. लेकिन बिहार के धुरंधर खिलाड़ी संदीप कुमार ने आर्थिक रूप से कमजोर होते हुए भी मिसाल कायम की है. इतना ही नहीं संदीप अब अपने मम्मी-पापा का लिया हुआ सारा कर्ज, उतारने के काबिल भी हो गए हैं.
प्रो कबड्डी लीग में संदीप का चयन: राजधानी पटना के पाटलिपुत्र खेल परिसर में गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर आज से प्रो कबड्डी लीग की शुरुआत हो रही है. जिसमें प्रतिभागी के रूप में पटना पाइरेट्स की टीम में समस्तीपुर जिले के छोटे से गांव के रहने वाले संदीप कुमार का चयन हुआ है. संदीप प्रतियोगिता में सबको पटखनी देने के लिए तैयार भी हैं.
काफी संघर्ष के बाद बनाई अपनी किस्मत:गांव के खेत से निकल कर प्रो कबड्डी लीग का हिस्सा बनने तक का सफर काफी संघर्ष भरा है. लेकिन आज संदिप अन्य युवाओं के लिए किसी मिसाल से कम नहीं हैं. संदिप कहते हैं कि अपनी मेहनत और लगन की वजह से आज वो इस मुकाम पर पहुंचे हैं.
कभी कबड्डी खेलने के लिए घर से मिलती थी डांट:संदीप के पिता ऑटो चलाते हैं और मां हाउस वाइफ है. दूसरे पेरेंट्स की तरह संदीप के मां-पिता भी चाहते थे कि वो पढ़-लिख कर कुछ अच्छा करे. लेकिन संदीप अपने गांव के खेत-खलिहानों में कबड्डी खेलने में मशगूल रहते थे. जिससे उनके परिजन काफी गुस्सा भी करते थे.
छोटी उम्र से ही कबड्डी में रूची: संदीप ने बताया कि वो सातंवी कक्षा से ही कबड्डी में काफी रूची लेते थे. पहले तो घर वालों से डांट मिली. लेकिन जब उन्हें समझ आ गया कि संदीप की रूची कबड्डी में है, फिर उन्होंने भी सपोर्ट किया. संदीप ने बताया कि कबड्डी खेलने के लिए अच्छी डायट (खान-पान) लेनी पड़ती है. लेकिन उनके पास पैसों की कमी थी. इसके बावजूद पिता ने कभी कमी नहीं होने दी, भले ही इसके लिए कर्ज क्यों न लेना पड़ा.
मां-पिता का कर्ज उतारेंगे संदीप: इसको लेकर संदीप ने बताया कि ऑक्शन के 9 लाख रुपए उन्हें मिलने वाले हैं. जिससे वो अपने मां-पिता का लिया हुआ सारा कर्ज उतारेंगे. वहीं उसके बाद जो मम्मी पापा का सपना है, उसे भी पूरा करने का काम करेंगे. संदीप की इस सफलता के बाद उनके परिवार वालों के साथ-साथ, गांव के लोगों में भी खुशी है.