झालावाड़: राजस्थान के झालावाड़ शहर में शुक्रवार को राजपूत समाज व करणी सेना ने सम्राट मिहिर भोज जयंती को लेकर हजारों की तादाद में विशाल वाहन रैली व आमसभा का आयोजन किया. वाहन रैली के दौरान बड़ी संख्या में राजपूत नेता बाइक तथा अन्य वाहनों पर शहर में केसरिया पताका लगाकर निकले. वहीं, प्रशासन के द्वारा रैली तथा आमसभा की अनुमति नहीं देने के बाद जिला प्रशासन ने शहर भर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए. अलग-अलग चौराहों पर किसी भी अनहोनी को लेकर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाई. वहीं, चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान मौजूद रहे.
रैली के बाद राजपूत समाज के लोगों ने हॉस्टल में एक आम सभा का आयोजन किया, जिसमें सम्राट मिहिरभोज के वंशज भी पहुंचे. इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न इलाकों सहित पड़ोसी राज्यों से भी राजपूत समाज और करणी सेना के नेताओं ने कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान सम्राट मिहिर भोज के वंशज अरूणोदय सिंह ने दावा किया कि उनके पास सम्राट मिहिर भोज से जुड़ी हुई वंशावली मौजूद है. उन्होंने कहा कि कुछ किताबों में कहीं गई बातों को आप इतिहास नहीं मान सकते. हमारा इतिहास 300 साल पुराना है तथा शिलालेख तथा अन्य तथ्यों में सम्राट मिहिर भोज को लेकर कई बातें कही गई हैं.
उन्होंने दावा किया कि उनकी बताई गई वंशावली के बाद ही सम्राट मिहिर भोज के पिता का नाम लोगों को पता लगा है. यदि कोई अन्य समाज सम्राट मिहिर भोज को लेकर अपना दावा करता है तो उनकी माता का नाम बताए. उन्होंने कहा कि इसको लेकर वह कोर्ट में अपने दस्तावेज दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि उनकी आज भी नागौद में परिहारों की गद्दी है, जहां से उनका इतिहास जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि सम्राट मिहिर भोज के क्षत्रिय होने का जीता-जागता उदाहरण वे स्वयं हैं. महापुरुष सभी के दिलों में विराजते हैं, लेकिन उन्हें किसी समाज के साथ बांटना सरासर गलत है. महापुरुषों में सभी की आस्था है और सभी उनको मानते हैं, लेकिन उनको समाजों में बांटना ठीक नहीं है. उन्होंने झालावाड़ के राजपूत समाज से अपील भी की कि सम्राट मिहिर भोज की जयंती 18 अक्टूबर को प्रतिवर्ष मनाएं.