संभल: संभल की शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा हिंदू पक्ष ने किया है. कहना है कि यहां हरिहर मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाई गई. हिंदू पक्ष की की ओर से दायर वाद के आधार पर संभल की जिला कोर्ट ने जामा मस्जिद परिसर का सर्वे करने का आदेश दिया, जिसके बाद कोर्ट कमिश्नर ने अफसरों के साथ जामा मस्जिद का सर्वे किया. इस दौरान मस्जिद की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई. हालांकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद मुगल काल में बनवाई गई और बाबर के आदेश पर मीर बेग ने इसका निर्माण करवाया. जामा मस्जिद का सर्वे होने के बाद सियासत भी तेज हो गई है. ओवैसी समेत तमाम नेता इस मसले पर अपनी प्रतक्रिया दे चुके हैं. आइए जानते हैं, क्या है पूरा मामला.
हिंदू पक्ष ने दावा करते हुए वाद दायर किया:संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर विवाद उस समय गहरा गया, जब हिंदू पक्ष ने बीते 19 नवंबर को संभल की चंदौसी स्थित जिला कोर्ट में वाद दायर किया. जिला कोर्ट में यह वाद सुबह 11 बजे दायर किया गया. दोपहर 1 बजे इस मामले में सुनवाई हुई. वहीं शाम 4 बजे कोर्ट कमिश्नर का आदेश हुआ. शाम 5.30 बजे वादी और कोर्ट कमिश्नर संभल के जिलाधिकारी से मिले. इसके बाद शाम 6 बजे कोर्ट कमिश्नर सर्वे के लिए शाही जामा मस्जिद पहुंचे. रात करीब 7.30 बजे सर्वे कर कोर्ट कमिश्नर बाहर आए. हालांकि इस दौरान माहौल तनावपूर्ण रहा. क्योंकि सर्वे के दौरान काफी तादात में मुस्लिम समुदाय के लोग इकट्ठा होकर विरोध करने लगे थे. भारी पुलिस बल की मौजूदगी और जामा मस्जिद से जुड़े लोगों के समझाने पर उग्र हुई भीड़ शांत हुई.
मस्जिद 500 साल पुरानी:पुरातत्व विभाग के अनुसार संभल की शाही जामा मस्जिद लगभग 500 वर्ष पुरानी है. यह इमारत साल 1920 में भारतीय पुरातत्व सर्वे के तहत संरक्षित इमारत घोषित हुई थी. संभल की जामा मस्जिद का उल्लेख बाबरनामा में मिलता है. संभल जामा मस्जिद के एडवोकेट जफर अली के मुताबिक 1529 में मुगल शासक बाबर के आदेश पर मीर बेग ने इस मस्जिद का निर्माण कराया था. जामा मस्जिद समतल भूमि पर बनाई गई है, जिसके प्रमाण उनके पास हैं. उन्होंने हिंदू पक्ष के दावों को बेबुनियाद करार देते हुए दावा किया कि जामा मस्जिद किसी मंदिर को खंडित करके नहीं बनाई गई.
मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने कहा- हिंदू पक्ष के पास नहीं कोई पुख्ता सबूत:एडवोकेट जफर अली ने कहा कि यह बात सही है कि मुगल काल में मस्जिद का निर्माण किया गया. वह पूरी तरह से संतुष्ट हैं, वह अपना पक्ष मजबूती के साथ रखेंगे. उनकी ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है. उनका दावा है कि जामा मस्जिद थी, जामा मस्जिद है और जामा मस्जिद ही रहेगी. दावा किया कि इस मुकदमे को मुस्लिम पक्ष जीतेगा क्योंकि उनके पास सारे साक्ष्य मौजूद हैं. कहा कि हिंदू पक्ष के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है, बल्कि उनके दावे सिर्फ हवा हवाई हैं. 29 नवंबर को इस मामले में पहली सुनवाई की जाएगी.
दावा- मंदिर तोड़कर बनाई गई मस्जिद:जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करने वाले हिंदू पक्ष का दावा है कि जामा मस्जिद पहले श्री हरिहर मंदिर थी. 1529 में बाबर ने मस्जिद का निर्माण करवाया. बाबर ने ही मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. मस्जिद बनाने के दौरान यहां पर मौजूद हरिहर मंदिर को तोड़ा गया. यहां पर भविष्य में भगवान कल्कि अवतार लेंगे. हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद में मंदिर की मौजूदगी के बहुत से निशान मौजूद हैं. इसी को लेकर हिंदू पक्ष ने अदालत में याचिका दायर की थी.
हजारों वर्ष पुराना नक्शा मौजूद:जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा करने वाले वादी एवं केला देवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरी कहना है कि उनके पास संभल का शक संवत 987 का हजारों वर्ष पुराना नक्शा मौजूद है. नक्शे में शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर के तौर पर मौजूद है. यही नहीं, हजारों साल प्राचीन नक्शे में संभल, तीर्थराज संभल के नाम से अंकित है. वहीं नक्शे में संभल के 68 तीर्थ और 19 कूप भी दर्शाए गए हैं.
अधिवक्त विष्णु शंकर जैन ने हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल किया है वाद:बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कई याचिकाकर्ताओं (जिसमें कैला देवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरी भी शामिल हैं) की ओर से संभल की चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीज़न आदित्य सिंह की अदालत में बीते 19 नवंबर को वाद दायर किया था. इस वाद में हिंदू पक्ष की तरफ से भारत सरकार के गृह मंत्रालय, सांस्कृतिक मंत्रालय, भारत के पुरातत्व सर्वे, पुरातत्व सर्वे के मेरठ जोन के अधीक्षक, संभल के डीएम और मस्जिद की प्रबंधन समिति को वादी बनाया गया है. बता दें कि विष्णु शंकर जैन वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में भी वकील हैं. इस याचिका में दावा किया गया है कि जो इमारत जामा मस्जिद है, वही सदियों पुराना हरिहर मंदिर है.
पांच बीघे में बनी है मस्जिद:जामा मस्जिद लगभग पांच बीघे में बनी है. जुमे की नमाज के दौरान यहां करीब एक हजार लोग आते हैं. संभल सदर की कुल जनसंख्या करीब 6 लाख है. जिसमें 85 फीसदी आबादी मुस्लिम है. जबकि जिले की कुल आबादी करीब 25 लाख है, जिसमें 60 फीसदी आबादी हिंदू है.