नई दिल्ली: खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने गांधी जयंती पर देश भर के लाखों खादी कारीगरों की वेतन बढ़ाने की घोषणा की है. चरखे पर सूत कताई वाली कत्तिनों की पारिश्रमिक में 25 फीसदी और करघे पर बुनायी करनेवाले बुनकरों की पारिश्रमिक में 7 फीसदी की वृद्धि की है.
केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि गांधी जयंती पर नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी के फ्लैगशिप शोरूम समेत पूरे देश में विशेष छूट अभियान की शुरुआत की गई है. ये छूट 2 अक्टूबर से 30 नवंबर 2024 तक चलेगी. इस दौरान खादी उत्पादों पर 20 प्रतिशत और ग्रामोद्योग उत्पादों पर 10 प्रतिशत तक छूट मिलेगी. गांधी जयंती के दिन पिछले तीन वर्षों के बिक्री के आंकड़े देखें तो हर वर्ष गांधी जयंती पर बिक्री ने 1 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार किया है. वित्त वर्ष 2021-22 में जहां खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री 1.01 करोड़ रुपये थी, वहीं 2022-23 में ये बढ़कर 1.34 करोड़ रुपये पहुंच गई, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में बिक्री का आंकड़ा 1.52 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया था.
स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील:केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने बाबा खड़क सिंह मार्ग स्थित खादी भवन में खरीदारी कर खादी उत्पादों पर शुरू होने वाली विशेष छूट का शुभारंभ किया. नड्डा ने खादी के कुर्ते का कपड़ा और ग्रामोद्योग उत्पाद खरीदे और ऑनलाइन माध्यम से भुगतान किया. उन्होंने देशवासियों से खादी के उत्पाद खरीदने की अपील की. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री एमएसएमई जीतन राम मांझी ने जनता से अपील की कि वो स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और आत्मनिर्भर अभियान का हिस्सा बनें.
चरखे पर सूत कातने वाली कत्तिनों की पारिश्रमिक में 25 प्रतिशत और बुनकरों की पारिश्रमिक में 7 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की गई (etv bharat) बढ़ी हुई पारिश्रमिक आज से लागू: केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था,' मैं चरखे पर खींचे जाने वाले हर धागे में ईश्वर को देखता हूं.' बापू के इसी ध्येय वाक्य को अपनाते हुए केवीआईसी लगातार ‘चरखा क्रांति’ के माध्यम से गरीब कल्याण का ताना-बाना बुन रहा है. इसी क्रम में विगत 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर बापू के जन्मस्थान पोरबंदर में आयोजित कार्यक्रम में चरखे पर सूत कातने वाली कत्तिनों की पारिश्रमिक में 25 प्रतिशत और बुनकरों की पारिश्रमिक में 7 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की गई थी. ये बढ़ी हुई पारिश्रमिक महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर 2024 से लागू हो गई है.
केंद्रीय मंत्री ने जनता से अपील की कि वो स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और आत्मनिर्भर अभियान का हिस्सा बनें. (etv bharat) केवीआईसी अध्यक्ष ने कहा कि अभी तक कत्तिनों को प्रति लच्छा 10 रुपये की मजदूरी मिलती थी, जिसे 2.50 रुपये बढ़ाकर 12.50 रुपये कर दिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि उनके कार्यकाल में दूसरी बार कत्तिनों और बुनकर की पारिश्रमिक बढ़ाई गयी है. इससे पहले 1 अप्रैल 2023 को 7.50 रुपये से बढ़ाकर इसे 10 रुपये प्रति लच्छा किया गया था.
खादी के कारोबार में अपार बढ़ोत्तरी:उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ‘खादी क्रांति’ ने कत्तिनों और बुनकरों के जीवन में बड़ा बदलाव किया है. खादी का कारोबार पिछले वित्त वर्ष में 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है. उन्होंने बताया कि देश भर में करीब 3000 पंजीकृत खादी संस्थाएं हैं, जिनके माध्यम से 4.98 खादी कारीगरों को रोजगार मिल रहा है, जिसमें 80 प्रतिशत के करीब महिलाएं है. बढ़ी हुई पारिश्रमिक से इन्हें आर्थिक रूप से नई शक्ति मिलेगी.
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