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सागर को जल्द मिलेगा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का दर्जा, टाइगर के साथ कई वन्य जीवों का होगा दीदार - WILDLIFE SANCTUARY IN SAGAR

सागर के उत्तर वन मंडल को जल्द ही वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का दर्जा मिलने जा रहा है. यह प्रस्ताव 6 साल से लंबित था.

WILDLIFE SANCTUARY IN SAGAR
सागर के उत्तर वन मंडल को जल्द मिलेगा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का दर्जा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 30, 2025, 8:30 PM IST

सागर: मध्य प्रदेश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व की सौगात मिलने के बाद अब सागर जिले को वन्य जीव अभ्यारण्य (वाइल्ड लाइफ सेंचुरी) की सौगात मिलने जा रही है. सागर के उत्तर वन मंडल को वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित किया जा रहा है. खास बात ये है कि इस वन्य जीव अभयारण्य का नाम डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम पर होगा. गौरतलब है कि 6 साल पहले कमलनाथ सरकार ने ये प्रस्ताव तैयार किया गया था लेकिन सरकार बदलने पर ये प्रस्ताव लंबित हो गया था. अब इस प्रस्ताव को दोबारा स्वीकृति के लिए भेजा गया है.

6 साल से लंबित प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा

दरअसल 2019 में कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में कई वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के लिए प्रस्ताव तैयार किए थे. जिसमें सागर जिले के उत्तर वन मंडल को वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था. उस समय तैयार किए गए प्रस्ताव में इस वन्य जीव अभ्यारण का नाम डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम पर रखे जाने की बात कही गई थी लेकिन 2020 में कमलनाथ सरकार गिर गई और सरकार बदलने पर यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया. अब राज्य सरकार ने वन विभाग को यही प्रस्ताव दोबारा स्वीकृति के लिए भेजने को कहा है. माना जा रहा है कि जल्द ही सागर को वन्य जीव अभ्यारण्य की सौगात मिल जाएगी.

सागर के उत्तर वन मंडल को मिलेगी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की सौगात (ETV Bharat)
वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का भेजा प्रस्ताव (ETV Bharat)

डॉ अंबेडकर पर चल रही सियासत का असर

जिस तरह से डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम पर सियासत ने जोर पकड़ा है और कांग्रेस ने अपनी यात्रा की शुरुआत डॉ अंबेडकर की जन्मस्थली महू से की है. अब मध्य प्रदेश की सरकार भी डॉ अंबेडकर को लेकर गंभीर हो गई है. इस बारे में जानकारी देते हुए पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ शुभरंजन सेन ने बताया कि "सागर के उत्तर वन मंडल को वन्य जीव अभ्यारण्य का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था. जिसे फिर से शासन की स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है. स्वीकृति मिलते ही वन्य जीव अभ्यारण्य का गठन कर दिया जाएगा. वन विभाग द्वारा भेजा गया प्रस्ताव फिलहाल विधि विभाग को भेजा गया है."

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