सागर :बुंदेलखंड की शान डॉ. हरीसिंह गौर का जन्मदिन इस बार बुंदेली परंपरा से मनाया जाएगा. अपने जीवन भर की जमापूंजी दान कर बुंदेलखंड में आजादी के पहले यूनिवर्सटी की सौगात देने वाले महान कानूनविद और शिक्षाविद डाॅ. हरीसिंह गौर की जयंती इस बार 'गौर गौरव उत्सव' के रूप में मनाई जाएगी. खास बात ये है कि 26 नवम्बर को उनके जन्मदिन के साथ ही सेंट्रल जोन की यूनिवर्सिटीज का यूथ फेस्टिवल सागर यूनिवर्सटी में शुरू होगा, जो गौर गौरव उत्सव का हिस्सा होगा. इस तरह करीब 100 यूनिवर्सटी के 1500 छात्र-छात्राएं अपनी कला का प्रदर्शन कर डाॅ. सर हरीसिंह गौर की जयंती मनाएंगे.
बुंदेली परंपरा के साथ जन्मदिन
डॉ. हरीसिंह गौर जयंती को बुंदेली परम्परा के अनुसार मनाया जाएगा. दरअसल, बुंदेलखंड में किसी शिशु के जन्म लेने पर ननिहाल पक्ष जो उपहार लेकर पहुंचता है, उसे 'पच' कहते हैं. तो यहां के लोग 500 किताबें पच में लेकर पहुंचेंगे. वहीं बुंदेलखंड की ग्रामीण महिलाएं 'सोहर' गाएंगी और ग्रामीण इलाकों में शिशु के जन्म पर आयोजित होने वाले गनता (जन्मोत्सव) में बुंदेली राई नृत्य भी देखने मिलेगा.
जानकारी देते सांस्कृतिक संयोजक डाॅ. राकेश सोनी (Etv Bharat) डॉ. हरी सिंह गौर की 155वीं जयंती
सागर शहर ही नहीं बल्कि पूरे बुंदेलखंड के लिए डाॅ. सर हरीसिंह गौर की जयंती किसी उत्सव से कम नहीं होती है. सागर जहां उन्होंने अपने जीवन की जमापूंजी दान करके यूनिवर्सटी की स्थापना की वहां पर सार्वजनिक अवकाश के साथ सुबह से ही गौर जयंती पर एक से बढ़कर एक कार्यक्रम आयोजित होते हैं. इसी कड़ी में इस बार सुखद संयोग बना है कि गौर जयंती के साथ ही सेंट्रल जोन के यूथ फेस्टिवल का आयोजन करने का मौका सागर यूनिवर्सटी को मिला है. ये यूथ फेस्टिवल भी 26 नवम्बर को गौर जयंती के साथ शुरू होगा.
डाॅ. हरीसिंह गौर (Etv Bharat) कार्निवाल के अंदाज में निकलेगी विशाल रैली
डाॅ. हरीसिंह गौर के जन्मदिन पर परम्परा है कि यूनिवर्सटी में उनकी जयंती मनाए जाने के पहले गौर मूर्ति पर माल्यार्पण कर प्रभात फेरी निकलती है. इसमें शहर के जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, विश्वविद्यालय परिवार और बड़ा संख्या में स्थानीय लोग शामिल होते हैं. सभी यूनिवर्सिटी में डाॅ. गौर की समाधि तक पैदल जाते हैं, जहां श्रृद्धाजंलि अर्पित करने के बाद मुख्य कार्यक्रम आयोजित होता है. इस बार दोपहर में विशाल रैली निकलेगी, जिसमें यूथ फेस्टिवल में पहुंचने वाले सैकड़ों छात्र-छात्राएं अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए नाचते गाते जाएंगे. वहीं स्थानीय सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाएं भी शामिल होंगी और कार्निवाल की माहौल होगा.
डाॅ. हरीसिंह गौर यूनिवर्सिटी सागर (Etv Bharat) क्या है तैयारी?
सागर यूनिवर्सटी के सांस्कृतिक संयोजक डाॅ. राकेश सोनी बताते हैं, '' हम लोगों के पितामह की 155वीं जयंती पर हम लोग गौर गौरव उत्सव करने जा रहे हैं. इसमें सेंट्रल जोन के 12 से 15 सौ छात्र कलाकार यूथ फेस्टिवल में शिरकत करेंगे. इस अवसर पर 26 नवम्बर को दोपहर दो बजे गौर मूर्ति से रैली निकलने वाली है, जिसमें सभी सहभागी छात्र पारम्परिक वेशभूषा में अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए चलेंगे. जहां तक बुंदेली परम्परा की बात करें, तो यहां के लोकनृत्य, लोकगीत देखने सुनने मिलेंगे. हमारी ग्रामीण अंचल की महिलाएं डॉ. गौर के जन्मदिन पर सोहर गाएंगी. उनके जन्मदिन पर ये नया प्रयोग है.''