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बदले-बदले नजर आए नरोत्तम, भाजपा नेताओं को चेताया अति आत्मविश्वास होता है घातक

Narottam Mishra Incharge Bundelkhand Cluster: बुंदेलखंड क्लस्टर के प्रभारी बने नरोत्तम मिश्रा बुंदेलखंड दौरे पर अपने संबोधन में भाजपा नेताओं को चेताते नजर आ रहे हैं कि अति आत्मविश्वास कभी-कभी घातक होता है.जरा सी चूक पांसा पलट देती है.

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नरोत्तम मिश्रा का बुंदेलखंड दौरा

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 15, 2024, 10:45 PM IST

बुंदेलखंड क्लस्टर के प्रभारी बने नरोत्तम मिश्रा बुंदेलखंड दौरे पर

सागर।मध्यप्रदेश भाजपा की राजनीति में तेजी से उभरे और हमेशा मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा इन दिनों बदले-बदले नजर आ रहे हैं. मीडिया से हमेशा घिरे रहने वाले नरोत्तम मिश्रा मीडिया से भी दूरी बरत रहे हैं. लोकसभा चुनाव के लिए ग्वालियर-चंबल के प्रभार से फेरबदल के बाद बुंदेलखंड क्लस्टर के प्रभारी बने नरोत्तम मिश्रा बुंदेलखंड दौरे पर अपने संबोधन में भाजपा नेताओं को चेताते नजर आ रहे हैं कि अति आत्मविश्वास कभी-कभी घातक होता है. जरा सी चूक पांसा पलट देती है. पिछले दिनों सागर और दमोह लोकसभा क्लस्टर की बैठक में उनका ये बयान चर्चा में रहा. इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे है. गृहमंत्री रहते हुए दतिया से विधानसभा चुनाव की हार की टीस भी नजर आई.

बुंदेलखंड दौरे पर बदले-बदले नजर आए नरोत्तम मिश्रा

भाजपा ने लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए संभाग स्तर पर क्लस्टर बनाए हैं. हाल ही में पार्टी ने उनके प्रभार में भी फेर बदल किया और पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को ग्वालियर संभाग की जगह सागर संभाग का प्रभारी बनाया गया. बुंदेलखंड के प्रभारी बनने के बाद नरोत्तम मिश्रा सागर और दमोह लोकसभा का दौरा कर तैयारी की समीक्षा कर चुके हैं. इन दोनों दौरों पर उनका मिजाज बदला हुआ नजर आया. खास बात ये है कि दोनों लोकसभा सागर और दमोह की बैठकों में उन्होंने पार्टी नेताओं को ये हिदायत जरूर दी कि जब तक जीत ना हो जाए तब तक जीत नहीं मानना चाहिए और जीत के प्रति अति आत्मविश्वास नहीं रखना चाहिए.

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'जरा सी चूक पलट देती है पांसा'

13 फरवरी को दमोह लोकसभा क्षेत्र की बैठक को संबोधित करते हुए डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आप लोगों को पता है कि सबसे कठिन चुनाव कौन सा होता है. उन्होंने कहा कि हमारे वरिष्ठ नेता गृह मंत्री अमित शाह ने ये सवाल एक बैठक में किया था. उस दौरान सभी ने अलग अलग जवाब दिया था और सब गलत निकले. फिर उन्होंने बताया कि सबसे कठिन चुनाव वह होता है जब हम जीत के प्रति आश्वस्त हो जाते हैं और मान लेते हैं कि जीत हमारी ही होगी. ये अति आत्मविश्वास कई बार परिणाम बदल देता है. हम जीतते-जीतते हार जाते हैं. उन्होंने कहा कि हम जीतेंगे ये विश्वास होना चाहिए लेकिन हम ही जीतेंगे ऐसा अति आत्मविश्वास कभी नहीं होना चाहिए. जरा सी चूक पांसा पलट देती है.

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