सागर: भारत और श्रीलंका के बीच धर्म, संस्कृति जैसे कई मामलों में एकरूपता है. हमारे प्राचीन धार्मिक ग्रंथ रामायण में भी श्रीलंका का उल्लेख मिलता है. इसके अलावा भारत से निकलकर दुनिया भर में फैले बौद्ध धर्म पर ढेर सारी रिसर्च और स्टडी हुई है. इसको और आगे बढ़ाने के लिए एक नई पहल शुरू हुई है. दरअसल, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता श्रीलंका के दौरे पर थीं. वहां, उन्होंने भारतीय उच्चायुक्त के साथ मिलकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सागर यूनिवर्सिटी और श्रीलंका के विश्वविद्यालय कैसे काम कर सकते हैं, इस विषय पर विस्तार से चर्चा की. जल्द ही सागर विश्वविद्यालय का श्रीलंका की दो यूनिवर्सिटी से करार हो सकता है.
श्रीलंका के विश्वविद्यालयों से समझौते की पहल
श्रीलंका के केलानिया विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय नदी कांग्रेस का आयोजन किया गया था. इसमें सागर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता भी शामिल हुई थीं. उन्होंने इस दौरान श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त डॉ. सत्यांजल पांडे से भी मुलाकात की. उन्होंने सागर यूनिवर्सिटी में चल रही रिसर्च और अकादमिक गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी. साथ ही श्रीलंका के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के साथ समझौते की पहल भी की. उन्होंने केलानिया यूनिवर्सिटी और नागानंदा इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर बुद्धिस्ट स्टडीज के कुलपति से समझौते के बिंदुओं पर चर्चा की. दोनों संस्थानों ने जल्द ही सागर विश्वविद्यालय के बीच समझौते का आश्वासन दिया है.