मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

मध्य प्रदेश सड़कों के खतरनाक मोड़ को कहेगा टाई-टाई, एरियल डिस्टेंस से बनेंगे रोड - MADHYA PRADESH AERIAL DISTANCE ROAD

मध्य प्रदेश में एरियल डिस्टेंस की तकनीक से खतरनाक और घुमावदार चढ़ाई खत्म होगी, सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी.

MADHYA PRADESH AERIAL DISTANCE ROAD
एरियल डिस्टेंस तकनीक से से बनेगी मध्य प्रदेश की सड़के (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 29, 2024, 5:34 PM IST

सागर: मध्यप्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम चल रहा है. एक्सप्रेस वे, फोरलेन, सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का निर्माण प्रदेश में चल रहा है. इसको लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि, ''प्रदेश में सड़कों के निर्माण और उनकी गुणवत्ता को लेकर सरकार गंभीर है. इसके लिए आधुनिक तकनीकों पर राज्य सरकार काम कर रही है. अब सरकार ने प्रदेश में ऐसी सड़कें बनाने का फैसला लिया है, जो हवाई दूरी (एरियल डिस्टेंस) के आधार पर बनाई जाएगी. जिससे दूरियां कम हो और सफर आसान हो. इस तकनीक से खतरनाक मोड़, घुमावदार चढ़ाई खत्म हो जाएगी और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी.''

आधुनिक तकनीक अपनाने पर जोर

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह प्रदेश में चल रहे सड़कों के निर्माण कार्य में आधुनिक तकनीकों का सहारा लेकर उनकी गुणवत्ता और सुरक्षित व बेहतर सफर पर फोकस किया है. पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने अपने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे उन राज्यों का दौरा करें, जहां सड़क निर्माण में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. इसी तरह के तकनीक का इस्तेमाल अपने प्रदेश में भी करें. उन्होंने प्रदेश के बड़े शहरों से छोटे शहरों और सीमांत जिलों के लिए बनने वाली सड़कों को एरियल डिस्टेंस के आधार पर बनाने पर जोर दिया है. उनका कहना है कि "लंबी सड़कों को एरियल डिस्टेंस से बनाने पर दूरी कम होने के साथ-साथ सफर सुरक्षित होगा.

एरियल डिस्टेंस तकनीक से खतरनाक और घुमावदार चढ़ाई होगी खत्म (ETV Bharat)

ये भी पढ़ें:

दोगुनी रफ्तार से होगी मध्य प्रदेश की प्रगति, बनने जा रहा सबसे बड़ा सिक्सलेन, चौतरफा बरसेगा पैसा

एमपी का ग्रोथ इंजन होगा सिंगरौली-भोपाल एक्सप्रेस वे, 120 Kmph की रफ्तार से आएंगे उर्जाधानी

छोटे शहरों तक जाने वाली सड़कों पर फोकस

मंत्री राकेश सिंह ने निर्देश दिए हैं कि एरियल तकनीक का उपयोग ज्यादातर उन सड़कों के निर्माण में किया जाए, जो लंबी दूरी की है. खासकर प्रदेश के बड़े शहरों से जिला मुख्यालयों को जोड़ने वाली और प्रदेश के सीमावर्ती जिलों को जोड़ने वाली सड़कों को एरियल डिस्टेंस के आधार पर ही बनाने के लिए कहा गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details