सागर।टाइगर स्टेट के रूप में मशहूर एमपी के बुंदेलखंड में पिछले साल ही नए टाइगर रिजर्व की स्थापना की गयी है. सागर के नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य और दमोह के रानी दुर्गावती वन्यजीव अभ्यारण्य को मिलाकर वीरागंना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व का गठन किया गया है. फिलहाल टाइगर रिजर्व में 19 बाघ हैं और अभ्यारण्य के समय से ही इनकी निगरानी के लिए दो हाथी मौजूद हैं. लेकिन अब टाइगर रिजर्व बनने के बाद 10 हाथियों की जरूरत महसूस की जा रही है और टाइगर रिजर्व के अंदर पांच कैंप बनाए जाएंगे. इसके लिए टाइगर रिजर्व ने वनमुख्यालय को पत्र भेजकर हाथियों की मांग की है. जल्द ही टाइगर रिजर्व में हाथियों को भेजा जाएगा.
वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व
देश में सबसे ज्यादा बाघों की संख्या वाले मध्यप्रदेश में देश का 54 वां और मध्यप्रदेश का सातवां टाइगर रिजर्व है. यह टाइगर रिजर्व करीब 2339 वर्ग किमी में फैला हुआ है. जिसमें 1414 वर्ग किलोमीटर को कोर एरिया और 925 वर्ग किलोमीटर को बफर जोन में शामिल किया गया है. जो सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिलों तक फैला हुआ है. नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य और दुर्गावती वन्यजीव अभ्यारण्य को मिलाकर 20 सितम्बर 2023 को टाइगर रिजर्व अधिसूचित किया गया था. यहां पर शुष्क पर्णपाती वन हैं. जिनमें सागौन, साज, बेर और आंवला प्रजाति के पौधे काफी संख्या में हैं. यहां वन्यजीवों में बाघ, सियार, तेंदुआ, भेड़िया, भारतीय लोमड़ी, नीलगाय, चीतल, लकड़बग्घा, सांभर और काले हिरण के अलावा और भी वन्य जीव हैं.
19 बाघों की सुरक्षा के लिए एक जोड़ा हाथी
नौरादेही टाइगर रिजर्व की बात करें, तो 2018 में यहां राष्ट्रीय बाघ संरक्षण परियोजना के तहत बाघिन राधा और बाघ किशन को बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए बसाया गया. आज पांच सालों में बाघों की संख्या 19 पहुंच गयी है. वहीं भविष्य में पन्ना टाइगर रिजर्व से केन बेतवा लिंक के कारण बाघों का विस्थापन नौरादेही टाइगर रिजर्व में किया जाएगा. फिलहाल बाघों की निगरानी के लिए टाइगर रिजर्व में सिर्फ एक जोड़ा हाथी है, जिन्हे कैंप में रखा गया है. फिलहाल नर हाथी नील और मादा हाथी चंदा बाघों की निगरानी करते हैं.