जोधपुर. जोधपुर में सचिन पायलट के सबसे बड़े समर्थक करण सिंह उचियारड़ा को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाने का फैसला किया है. इसकी औपचारिक घोषणा कभी भी हो सकती है. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि करण सिंह के सक्रिय राजनीति में आने में अशोक गहलोत पिछले 10 सालों से रोड़ा बने हुए थे. लगातार दो विधानसभा चुनावों में उन्हें सिर्फ इसलिए टिकट नहीं मिला कि वे पायलट समर्थक हैं, लेकिन कांग्रेस में बदलती राजनीति के दौर में अशोक गहलोत को इस बार पायलट से बड़ी शिकस्त मिली है. हालांकि लोकसभा चुनाव का परिणाम क्या होगा यह अभी नहीं कहा जा सकता, लेकिन अशोक गहलोत को अपने धुर विरोधी के समर्थक के नाम पर सहमत होना पड़ा है. जो बताता है कि गहलोत की दिल्ली में पकड़ कमजोर होती जा रही है.
यह सब जानते हैं कि करण सिंह पायलट समर्थक हैं. 2018 के चुनाव में उन्होंने जोधपुर और पाली जिले की विधानसभा सीटों से दावेदारी की, लेकिन गहलोत इसमें रोड़ा बने रहे. पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के बाद करण सिंह को संगठन में भी सीमित कर दिया गया. वर्ष 2019 में भी टिकट नहीं लेने दिया. सरकार जाने के बाद हालात बदले. पायलट की केंद्रीय नेतृत्व से प्रगाढ़ता बढ़ गई. अब लोकसभा चुनाव में वैभव के लिए अशोक गहलोत को सबका साथ चाहिए था. यही कारण है कि वो करण सिंह को लेकर 3 मार्च को दिल्ली गए और सभी से मिलवाया. साथ में धर्मेंद्र राठौड़ भी थे. इसकी वजह यह है कि करण सिंह का जालोर सिरोही के राजपूत बेल्ट में होल्ड है. उनका समर्थन अब वैभव गहलोत के लिए जरूरी है.