अजमेर :रूपनगढ़ गोलीकांड मामले में पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से वारदात में उपयुक्त हुए 10 वाहनों को भी जब्त किया गया है. जिला पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने शुक्रवार को मामले का खुलासा किया. साथ ही इस मामले में अभी भी चार इनामी मुख्य आरोपी फरार हैं, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है. जिला पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने बताया कि रूपनगर गोलीकांड मामले में पुलिस जांच कर रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को फायरिंग और दहशत फैलाने वाले 10 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. इन आरोपियों के पास से दो जेसीबी मशीन, आठ अन्य चौपाइयां वाहन जब्त किए.
उन्होंने बताया कि रूपनगर गोलीकांड में मुख्य चार आरोपियों पर इनाम घोषित है. फिलहाल वो पुलिस की पकड़ में नहीं आए हैं. पुलिस के हाथ आए आरोपियों से पूछताछ की गई तो फायरिंग करने वाले आरोपी के बारे में पता चला, उसे भी प्रकरण में नामजद किया गया है. एसपी ने बताया कि रूपनगर गोलीकांड के सभी आरोपियों की संपत्ति का ब्यौरा भी तैयार किया जा रहा है, ताकि नए कानून के तहत आरोपियों की संपत्ति सीज की जा सके.
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रूपनगर हत्याकांड के दौरान वहां मौजूद लोगों और फायरिंग के दौरान जिस किसी ने भी आरोपियों की मदद की है, उन सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से छह आरोपी ऐसे हैं, जो मौके पर मौजूद थे. वहीं, चार आरोपी उन्हें सक्रिय होकर सहयोग करने वाले हैं.
राजवीर ने की थी फायरिंग : एसपी वंदिता राणा ने बताया कि प्रकरण में नामजद आरोपी बलवाराम जाट और उसके दो भतीजों के नाम भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस लगातार आरोपियों और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर दबिश दे रही है. हालांकि, इस बीच प्रकरण की जांच में सामने आया कि स्कॉर्पियो से राजवीर फौजी ने फायरिंग की थी. प्रकरण में राजवीर फौजी को भी नामजद किया गया है. उसे भी पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
मुख्य आरोपियों की तलाश जारी :एसपी वंदिता राणा ने बताया कि रूपनगढ़ गोलीकांड प्रकरण में 50 से अधिक लोगों को थाने पर लाकर पूछताछ की गई. उसके बाद गिरफ्तार 10 आरोपियों की भूमिका सामने आई है. पड़ताल में अभी तक सामने आया है कि गोलीकांड में बलवाराम जाट का बेटा शामिल नहीं है. उन्होंने बताया कि एख प्रॉपर्टी को लेकर विवाद था. वहीं, जिस प्रॉपर्टी को लेकर विवाद हुआ है, वो एक दुकान की कब्जाशुदा जमीन है. एक पक्ष मौके पर निर्माण कार्य करवा रहा था तो दूसरे पक्ष ने कब्जा छोड़ने के लिए पहले पक्ष को धमकाया और फिर उसके बाद फायरिंग की थी.