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श्रद्धालुओं के साथ हिमालयी फूलों से गुलजार हुई रुद्रनाथ घाटी, मनमोहक पुष्प देख श्रद्धालु भूल जा रहे हैं थकान - Rudranath temple darshan

Flowers bloom on Rudranath temple travel route महाभारत युद्ध के पश्चात जब पांडव स्वर्गारोहण को जा रहे थे तो उनकी अनेक गतिविधियां उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में हुई थीं. चमोली जिले का रुद्रनाथ मंदिर पांडवों का बनाया बताया जाता है. इन दिनों रुद्रनाथ धाम की यात्रा चल रही है. पंच केदारों में सबसे कठिन यात्रा वाले रुद्रनाथ में श्रद्धालुओं के साथ ही फूलों की बहार आई हुई है.

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 29, 2024, 1:36 PM IST

Rudranath temple travel
रुद्रनाथ मंदिर यात्रा (Photo- ETV Bharat)

चमोली: पंच केदारों में चतुर्थ केदार रुद्रनाथ का यात्रा मार्ग इन दिनों श्रद्धालुओं के साथ ही हिमालयी फूलों से गुलजार हो गया है. यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु जहां भगवान रुद्रनाथ के एकानन रूप के दर्शन करने पहुंच रहे हैं, वहीं यात्रा मार्ग के नैसर्गिक सौंदर्य को देख अभिभूत हैं.

रुद्रनाथ मंदिर दर्शन (Photo- ETV Bharat)

चमोली जिले में समुद्र तल से 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा पंच केदरों में सबसे कठिन है. लेकिन यहां करीब 18 किमी की पैदल दूरी की दुश्वारियों पर शिव भक्तों की श्रद्धा इन दिनों भारी पड़ रही है. केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के अनुसार इन दिनों प्रतिदिन यहां 300 तीर्थयात्री भगवान रुद्रनाथ के दर्शनों को पहुंच रहे हैं. जिससे इन दिनों रुद्रनाथ पैदल मार्ग श्रद्धालुओं की आवाजाही से गुलजार हो गया है. इसके साथ ही इन दिनों यात्रा मार्ग पर उच्च हिमालयी क्षेत्र में खिलने वाले सफेद बुरांश के फूलों के साथ अन्य हिमालयी फूल खिलने लगे हैं. जिससे यात्रा मार्ग का नैसर्गिक सौंदर्य श्रद्धालुओं को अभिभूत कर रहा है.

रुद्रनाथ मंदिर यात्रा मार्ग में खिले फूल (Photo- ETV Bharat)

दिल्ली से रुद्रनाथ की यात्रा पर आये श्रुति और विवेक का कहना है कि वह पहली बार रुद्रनाथ की यात्रा पर आए हैं. उन्होंने कहा कि पैदल मार्ग कठिन है, लेकिन भगवान रुद्रनाथ के दर्शन और प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर पैदल यात्रा की कठिनाई का आभास नहीं हो रहा है. वहीं हरियाणा से आए देवेश और उनके साथियों का कहना है कि प्रकृति के इस सौंदर्य के बीच भगवान शिव के मुखारविंद के दर्शन आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति देने वाले हैं.

प्राकृतिक सौंदर्य देख श्रद्धालु थकान भूल जा रहे (Photo- ETV Bharat)

रुद्रनाथ के संरक्षण के लिये वन विभाग ने पनार में की पंजीकरण की व्यवस्था:रुद्रनाथ यात्रा मार्ग केदारनाथ वन प्रभाग के संरक्षित वन क्षेत्र में है. ऐसे में बुग्याल क्षेत्र के संरक्षण के लिए विभाग की ओर से पनार और रुद्रनाथ मंदिर के समीप पंजीकरण की व्यवस्था की गई है. यहां बाहरी क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु 200 रुपये का शुल्क देकर पंजीकरण करवा सकते हैं. विभाग की ओर छात्रों के लिए स्टूडेंट आईडी दिखाने पर शुल्क कम लिया जाता है. विभाग की ओर से यात्रा मार्ग के पड़ावों पर शौचालय व कूड़ा निस्तारण की भी व्यवस्था की गई है.

रुद्रनाथ मंदिर के लिए 18 किमी चढ़ना पड़ता है (Photo- ETV Bharat)
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