लखनऊ: लखनऊ मेट्रो के दूसरे कॉरिडोर के लिए सरकार को 5081 करोड़ रुपये की बजट की आवश्यकता होगी. इसमें 1200 करोड़ केंद्र सरकार 1200 करोड़ राज्य सरकार और बाकी ऋण लिया जाएगा. उत्तर प्रदेश आवास विभाग इस संबंध प्रस्ताव तैयार करके केंद्र को भेज रहा है. जल्द ही चारबाग से बसंतकुंज तक मेट्रो रूट का निर्माण शुरू किया जाएगा.
लखनऊ में पुराने शहर की मेट्रो पर खर्च होंगे 5081 करोड़ रुपये, जल्द मिलेगी हरी झंडी - Basant Kunj Metro Twelve Station
लखनऊ में पुराने शहर की मेट्रो पर खर्च होंगे पांच हजार करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे. बहुत जल्दी केंद्र सरकार के इन्वेस्टमेंट बोर्ड सेपरियोजना को हरी झंडी मिल जाएगी.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Aug 22, 2024, 3:13 PM IST
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि बहुत जल्दी केंद्र सरकार के इन्वेस्टमेंट बोर्ड से परियोजना को हरी झंडी मिल जाएगी. कुल 5081 करोड़ रुपये का खर्चा आ रहा है. इसमें 25-25% केंद्र और राज्य का अंशदान होगा, जबकि 50% विदेशी ऋण के माध्यम से मेट्रो का निर्माण किया जाएगा.
- चारबाग (भूमिगत)
- गौतम बुद्ध नगर (भूमिगत)
- अमीनाबाद (भूमिगत)
- पांडेयगंज (भूमिगत)
- सिटी रेलवे स्टेशन (भूमिगत)
- मेडिकल चौराहा (भूमिगत)
- चौक (भूमिगत)
- ठाकुरगंज (एलिवेटेड)
- बालागंज (एलिवेटेड)
- सरफराजगंज (एलिवेटेड)
- मूसाबाग (एलिवेटेड)
- वसंत कुंज (एलिवेटेड)
पुराने लखनऊ को मिलेगी बेहतर कनेक्टविटी:चारबाग से बसंतकुंज तक लखनऊ मेट्रो का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर पुराने लखनऊ के प्रमुख स्थानों अमीनाबाद, चौक को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. यह अपने मार्ग के साथ अन्य भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को भी जोड़ेगा. शहरवासियों को सुविधा मिलेगी. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि मेट्रो के ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर को एनपीजी से मंजूरी बड़ी उपलब्धि है. यह परियोजना अब वित्त विभाग के इन्वेस्टमेंट बोर्ड में जाएगी. वहां से मंजूरी मिलते ही बजट फाइनल हो जाएगा.
लखनऊ में 5 सितंबर 2017 को पहली बार दौड़ी थी मेट्रो: लखनऊ मेट्रो रूट का निर्माण 27 सितंबर 2014 को ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग रेलवे स्टेशन तक 8.5 किमी के साथ शुरू हुआ था. 5 सितंबर 2017 को इस रूट पर पहली बार मेट्रो चली थी. बाद में चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के मेट्रो स्टेशन से मुंशी पुलिया तक रेड लाइन पर 9 मार्च 2019 को मेट्रो चली थी. अभी लखनऊ मेट्रो 22 स्टेशनों के साथ 22.87 किमी की दूरी तय करती है. एक ही रोड पर मेट्रो रेल परियोजना संचालित होने की वजह से अभी हो रहे खर्चे में केवल 80% की ही वापसी हो रही है. माना जा रहा है कि जब 2 से 3 रूट और शुरू हो जाएंगे, तब मेट्रो फायदे में आ जाएगी.
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