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आरडीएसएस योजना; देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य बना यूपी, लाइन लॉस में सबसे ज्यादा कमी - LUCKNOW NEWS

Lucknow News : उत्तर प्रदेश ने 62 प्रतिशत भौतिक प्रगति और 47 प्रतिशत वित्तीय प्रगति हासिल की.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 12, 2024, 10:45 PM IST

लखनऊ : भारत सरकार के सहयोग से चलाई जा रही आरडीएसएस योजना के तहत उत्तर प्रदेश पिछले दो वर्षों में देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य बना है. इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने 62 प्रतिशत भौतिक प्रगति और 47 प्रतिशत वित्तीय प्रगति हासिल की है, जो देश में सर्वाधिक है. अवस्थापना संरचनाओं के विकास में और लाइन हानियों में कमी लाने के प्रयासों में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है. उत्तर प्रदेश में सभी श्रेणियों के विद्युत उपभोक्ताओं को लगातार 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की गई. प्रदेश में 13 जून को 30,618 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई, जो देश में सर्वाधिक थी. इसी तरह 17 जून को उत्तर प्रदेश में 659.59 मिलियन यूनिट ऊर्जा की मांग को पूरा किया गया, जो देश में सबसे ज्यादा थी.





उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि मंगलवार को नई दिल्ली में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के प्रस्तुतीकरण के दौरान यूपी में ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतरीन काम आगे रखे गए. यह सम्मेलन केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में आयोजित किया गया. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि पिछले दो वर्षों में सर्वाधिक बिजली की सप्लाई करने के साथ ही उत्तर प्रदेश में एग्रीगेट टेक्निकल ऐंड कॉमर्शियल (एटी एंड सी) हानियों में कमी लाकर उसे लगभग आधा कर दिया गया है. इस हानि को वर्ष 2021-22 में 31 प्रतिशत से घटाकर वर्ष 2023 में 22 प्रतिशत पर लाया गया और वर्तमान वर्ष 2024 में इसे और कम करके 16.50 प्रतिशत पर ला दिया गया है.

उन्होंने बताया कि इस उपलब्धि को एक उल्लेखनीय उपलब्धि माना गया है. प्रदेश में वर्ष 2034 तक की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक संसाधनों के लिए योजना तैयार कर ली गई है. प्रदेश की बढ़ती हुई ऊर्जा आवश्यकताओं को थर्मल, हाइड्रो, सोलर और पीएसपी परियोजनाओं को मिलाकर पूरा करने की योजना है. वर्तमान में निर्माणाधीन अनेक नई थर्मल पॉवर परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर उत्तर प्रदेश में बिजली का सर्वाधिक उत्पादन होने लगेगा. इन परियोजनाओं में ओबरा-डी, अनपरा और मेजा में आने वाली परियोजनाएं शामिल हैं. उत्तर प्रदेश में निजी क्षेत्र की सहायता से भी प्रदेश में बड़ी बिजली परियोजनाएं स्थापित करने की योजना पर काम हो रहा है.




उन्होंने बताया कि प्रदेश में सोलर पार्कों की स्थापना और सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाना प्रमुख है. घरों की छतों पर लगने वाले रूफटॉप सोलर पैनल और जैव ऊर्जा पर आधारित बिजली के उत्पादन से प्रदेश ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है. सीबीजी उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है और रूफटॉप सोलर लगाने में तीन अग्रणी राज्यों में है. उन्होंने बताया कि बिजली की आपूर्ति में और गुणवत्ता लाने के लिए प्रत्येक वर्ष में दो बार अनुरक्षण माह का प्रावधान किया गया है. यह अभियान वर्तमान में भी जारी है. यह भी उल्लेख किया गया कि पिछले दो वर्षों में प्रदेश के बिजली निगमों की आर्थिक दशा में पर्याप्त सुधार हुआ है. इसका एक कारण यह भी है कि बिल बनाने और देने की क्षमता में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 80.20 प्रतिशत की तुलना में वित्तीय वित्तीय वर्ष 2023-24 में 84.50 प्रतिशत का सुधार हुआ है. इसी प्रकार से राजस्व अर्जित करने की दृष्टि से वित्तीय वर्ष 2021-22 में 85.90 प्रतिशत से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 98.70 प्रतिशत हो गया है. बिजली की प्रति यूनिट दर भी वित्तीय वर्ष 2020-21 में 3.92 रुपए से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4.70 रुपए हो गई है.

लखनऊ : भारत सरकार के सहयोग से चलाई जा रही आरडीएसएस योजना के तहत उत्तर प्रदेश पिछले दो वर्षों में देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य बना है. इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने 62 प्रतिशत भौतिक प्रगति और 47 प्रतिशत वित्तीय प्रगति हासिल की है, जो देश में सर्वाधिक है. अवस्थापना संरचनाओं के विकास में और लाइन हानियों में कमी लाने के प्रयासों में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है. उत्तर प्रदेश में सभी श्रेणियों के विद्युत उपभोक्ताओं को लगातार 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की गई. प्रदेश में 13 जून को 30,618 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई, जो देश में सर्वाधिक थी. इसी तरह 17 जून को उत्तर प्रदेश में 659.59 मिलियन यूनिट ऊर्जा की मांग को पूरा किया गया, जो देश में सबसे ज्यादा थी.





उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि मंगलवार को नई दिल्ली में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के प्रस्तुतीकरण के दौरान यूपी में ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतरीन काम आगे रखे गए. यह सम्मेलन केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में आयोजित किया गया. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि पिछले दो वर्षों में सर्वाधिक बिजली की सप्लाई करने के साथ ही उत्तर प्रदेश में एग्रीगेट टेक्निकल ऐंड कॉमर्शियल (एटी एंड सी) हानियों में कमी लाकर उसे लगभग आधा कर दिया गया है. इस हानि को वर्ष 2021-22 में 31 प्रतिशत से घटाकर वर्ष 2023 में 22 प्रतिशत पर लाया गया और वर्तमान वर्ष 2024 में इसे और कम करके 16.50 प्रतिशत पर ला दिया गया है.

उन्होंने बताया कि इस उपलब्धि को एक उल्लेखनीय उपलब्धि माना गया है. प्रदेश में वर्ष 2034 तक की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक संसाधनों के लिए योजना तैयार कर ली गई है. प्रदेश की बढ़ती हुई ऊर्जा आवश्यकताओं को थर्मल, हाइड्रो, सोलर और पीएसपी परियोजनाओं को मिलाकर पूरा करने की योजना है. वर्तमान में निर्माणाधीन अनेक नई थर्मल पॉवर परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर उत्तर प्रदेश में बिजली का सर्वाधिक उत्पादन होने लगेगा. इन परियोजनाओं में ओबरा-डी, अनपरा और मेजा में आने वाली परियोजनाएं शामिल हैं. उत्तर प्रदेश में निजी क्षेत्र की सहायता से भी प्रदेश में बड़ी बिजली परियोजनाएं स्थापित करने की योजना पर काम हो रहा है.




उन्होंने बताया कि प्रदेश में सोलर पार्कों की स्थापना और सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाना प्रमुख है. घरों की छतों पर लगने वाले रूफटॉप सोलर पैनल और जैव ऊर्जा पर आधारित बिजली के उत्पादन से प्रदेश ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है. सीबीजी उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है और रूफटॉप सोलर लगाने में तीन अग्रणी राज्यों में है. उन्होंने बताया कि बिजली की आपूर्ति में और गुणवत्ता लाने के लिए प्रत्येक वर्ष में दो बार अनुरक्षण माह का प्रावधान किया गया है. यह अभियान वर्तमान में भी जारी है. यह भी उल्लेख किया गया कि पिछले दो वर्षों में प्रदेश के बिजली निगमों की आर्थिक दशा में पर्याप्त सुधार हुआ है. इसका एक कारण यह भी है कि बिल बनाने और देने की क्षमता में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 80.20 प्रतिशत की तुलना में वित्तीय वित्तीय वर्ष 2023-24 में 84.50 प्रतिशत का सुधार हुआ है. इसी प्रकार से राजस्व अर्जित करने की दृष्टि से वित्तीय वर्ष 2021-22 में 85.90 प्रतिशत से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 98.70 प्रतिशत हो गया है. बिजली की प्रति यूनिट दर भी वित्तीय वर्ष 2020-21 में 3.92 रुपए से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4.70 रुपए हो गई है.

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