नई दिल्ली:दिल्ली के रिज क्षेत्र में अवैध रूप से काटे गए 1100 पेड़ों का मुद्दा गरमाया हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी के रिज क्षेत्र में पेड़ों की कथित कटाई से संबंधित मुद्दों पर डीडीए अध्यक्ष और दिल्ली के उपराज्यपाल से व्यक्तिगत हलफनामा मांगेगा. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ रिज क्षेत्र में पेड़ों की कथित कटाई को लेकर डीडीए और अन्य के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई कर रही थी.
पीठ ने डीडीए अध्यक्ष को यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया कि क्या पेड़ों को काटने की अनुमति के बारे में चर्चा की कोई जानकारी थी. सीजेआई ने कहा, "दूसरा, एलजी को कब सूचित किया गया कि अनुमति की आवश्यकता है. तीसरा, उपचारात्मक उपाय के रूप में क्या कदम उठाए गए. चौथा, रिज की प्राचीन प्रकृति को संरक्षित करने के लिए (एससी) आदेश होने के बाद से दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई.
बता दें, रिज क्षेत्र में पेड़ों की कथित कटाई को लेकर डीडीए उपाध्यक्ष सुभाषिश पांडा और अन्य के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई अब सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है. न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने पहले इस मामले की सुनवाई की थी. पिछली पीठ ने छतरपुर से दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय तक सड़क निर्माण के लिए दक्षिणी रिज के सतबारी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के आरोप में पांडा के खिलाफ आपराधिक अवमानना नोटिस जारी किया था.