देवघर:जिले की ग्रामीण सड़कों का हाल बुरा है. इसका उदाहरण देवघर के सारवां प्रखंड की भंडारो पंचायत के बलीडीह गांव में देखा जा सकता है. दरअसल, इस गांव में पिछले पांच वर्षों से सड़क नहीं है. इस कारण आज भी ग्रामीण कच्चे रास्ते पर चलने को विवश हैं. सड़क निर्माण की मांग के लिए ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को कई बार शिकायत की, लेकिन नतीजा सिफर रहा.
ग्रामीणों ने कई बार की है शिकायत
इस संबंध में बलीडीह के ग्रामीण कहते हैं कि पिछले पांच वर्षों से वह अपने स्थानीय विधायक और जिले के पदाधिकारियों से सड़क निर्माण कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक हमारी सुनी नहीं गई है. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क नहीं बनने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बरसात में तो समस्या और भी विकराल हो जाती है. बारिश के बाद सड़क कीचड़मय हो जाती है और पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है.
ग्रामीण हरेंद्र यादव बताते हैं कि सड़क नहीं बनने के कारण गांव तक चारपहिया वाहन या एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती है. इस कारण यदि गांव में कोई बीमार हो जाता है तो उसे खाट पर टांग कर सड़क तक ले जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने कहा कि रास्ता इतना खराब है कि कई बार गांव के लोग सड़क पर गिरकर चोटिल भी हो गए हैं, लेकिन ग्रामीणों के परेशानी की चिंता किसी को नहीं है.
ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार की दी चेतावनी
आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि यदि इस बार विधानसभा चुनाव से पहले भंडारो पंचायत के बलीडीह गांव में सड़क का निर्माण नहीं कराया जाता है तो सभी ग्रामीण वोट का बहिष्कार करेंगे. इस दौरान ग्रामीणों ने एक स्वर में रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे भी लगाए.
नाराज ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें पता है कि वोट देना जरूरी है और वोट का बहिष्कार नहीं करना चाहिए, लेकिन मजबूरन उन्हें यह कदम उठाने के लिए विवश किया जा रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के समय में आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं. चुनाव में जीतने के बाद फिर भूल जाते हैं.
सड़क निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरूः मुखिया