लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल का साथ काफी पुराना रहा है. साल 1977 में चौधरी चरण सिंह और अटल बिहारी वाजपेई की दोस्ती से यह सफर शुरू हुआ था. 2014 आते-आते दूरियां भी बढ़ीं, लेकिन 2024 में फिर से दूरियां मिट गईं.
2014 से पहले आरएलडी और बीजेपी की खूब दोस्ती रही. 1999 में जब राष्ट्रीय लोकदल का गठन हुआ उसके बाद ही पार्टी अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह ने बीजेपी के साथ मिलकर पहले चुनाव लड़ा और दो सीटों पर पार्टी चुनाव जीतने में सफल हुई.
2009 में लोकसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन किया तो पांच सांसद बने. 2024 में फिर गठबंधन किया तो फिर दो सांसद बने. अब अपने पिता चौधरी अजीत सिंह की तरह ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी शामिल हो सकते हैं.
जिस तरह अटल सरकार में चौधरी अजीत सिंह कृषि मंत्री रहे, वैसे ही अब 2024 में चौधरी जयंत सिंह भी नरेंद्र मोदी सरकार का हिस्सा होंगे. लगभग दो दशक बाद ऐसा वक्त आया है जब आरएलडी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो सकता है.
आरएलडी का अब तक का सफर
- 1999 में भाजपा के साथ लोकसभा चुनाव लड़ा दो सीटें जीतने में सफलता मिली.
- 2002 में भाजपा से गठबंधन कर आरएलडी के 14 विधायक जीते.
- 2003 में सपा से गठबंधन किया. मुलायम सरकार में आधा दर्जन मंत्री बने.
- 2004 का लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ लड़ा तीन सीटें जीतीं.
- 2007 में उत्तर प्रदेश में आरएलडी ने अकेले चुनाव लड़ा. 10 सीटों पर जीत हासिल हुई.
- 2009 लोकसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा. पांच सांसद बनने में सफल हुए.
- 2011 में कांग्रेस नीत यूपीए सरकार में आरएलडी शामिल हुई. पार्टी अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह केंद्रीय मंत्री बने.
- 2012 में कांग्रेस के साथ यूपी में चुनाव लड़ा. नौ उम्मीदवार जीतने में सफल हुए.
- 2014 में कांग्रेस वाली यूपीए गठबंधन में ही आरएलडी शामिल रही. कोई लोकसभा सीट नहीं जीत पाई.
- 2017 में फिर अकेले लड़ने का फैसला लिया. केवल एक ही विधानसभा सीट पर जीत हुई.
- 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा के साथ मिलकर आरएलडी ने चुनाव लड़ा, लेकिन एक भी सीट नहीं मिल पाई.
- 2022 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया. नौ विधायक जीत गए. इसके बाद पार्टी के अध्यक्ष जयंत चौधरी राज्यसभा सांसद भी बन गए.
- 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का साथ आरएलडी ने पकड़ा. दो उम्मीदवार सांसद बन गए.