भोपाल:देश में लुप्त हो रहे वन्य जीवों को बचाने की दिशा में अब मध्यप्रदेश सरकार महत्वपूर्ण काम करने जा रही है. राज्य सरकार इन वन्य जीवों के सरंक्षण और संवर्धन के लिए मध्यप्रदेश में ऐसे स्थानों को तलाश कर रही है, जहां इनको बसाया जा सके. मध्यप्रदेश के श्योपुर में चीतों को बसाने के बाद अब मोहन सरकार एक सींग वाले गेंडे यानि राइनो और किंग कोबरा को बसाने के लिए अनुकूल माहौल का पता लगा रही है.
राइनों को बसाने में देहरादून के अधिकारी करेंगे मदद
लुप्त हो रहे वन्य जीवों को बचाने की दिशा में पहले चरण में राइनो को मध्यप्रदेश में बसाने की योजना बनाई जा रही है. राइनो को प्रदेश के किस हिस्से में रखा जाएगा. इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार वन्य जीव संस्थान देहरादून से प्रदेश के वनों का सर्वे भी कराने जा रही है. जिससे पता चल सके कि कहां राइनो के लिए अनुकूल बसाहट का माहौल है. वहीं, किंग कोबरा को ट्रांसलोकेट के लिए भारतीय वन्य संस्थान को पत्र लिखा गया है.
देश का चौथा राइनों प्रदेश बनेगा मध्यप्रदेश (ETV Bharat) लुप्त वन्य प्राणियों में राइनो रेड कैटेगिरी में
बता दें कि, केवल तीन राज्यों असम, पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश के जंगलों में ही राइनो हैं. देश में अब 2900 गेंडे ही बचे हैं. उसमें भी 85 प्रतिशत यानि करीब 2500 गेंडे असम में हैं. इसके अलावा बंगाल और उत्तरप्रदेश के दुधवा नेशनल पार्क में हैं. वर्तमान समय में गेंडे लुप्त होने वाले वन्य जीवों की रेड कैटेगिरी में हैं. ऐसे में यदि राज्य सरकार प्रदेश के जंगलों में गेंडे को लाती है, तो इस मामले में मध्यप्रदेश देश का चौथा राज्य बन जाएगा. जहां के जंगलों में गेंडे देखने को मिलेंगे.
मध्यप्रदेश से लुप्त हो रहा किंग कोबरा
मध्यप्रदेश के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि, ''मध्यप्रदेश में किंग कोबरा की संख्या भी तेजी से घट रही है. ये लुप्त होने की कगार पर हैं. ऐसे में किंग कोबरा की प्रजाति को बचाने के लिए अन्य प्रदेशों से इन्हें ट्रांसलोकेट करने की योजना है.'' कृष्णमूर्ति ने बताया कि, ''अभी किंग कोबरा मध्यप्रदेश के साथ ओडिसा, बिहार, केरल, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड और गुजरात में पाया जाता है.'' बता दें कि यह सबसे जहरीला सांप है. यह अन्य प्रजातियों के सांप को भी खा लेता है.