आगराःजिले के बहुचर्चित जगदीशपुरा करोड़ों की जमीन पर कब्जा मामले में फरार बिल्डर कमल चौधरी, धीरू चौधरी और पुरुषोत्तम पहलवान के कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किए हैं. विवेचक की तीनों आरोपियों पर इनाम की संस्तुति करने की फाइल पर डीसीपी सिटी सूरज राय ने तीनों पर 10-10 हजार रुपये इनाम घोषित कर दिया गया है. इसके साथ ही तीनों आरोपियों की तलाश में दो स्पेशल टीमें लगाई हैं.
बता दें कि, शहर के जगदीशपुरा थाना क्षेत्र के बोदला में बैनारा फैक्ट्री के पास करोड़ों रुपए की दस हजार वर्ग गज जमीन पर कब्जा किया गया था. जिसके लिए खाकी, खादी, बिल्डर और दबंगों की मंडली ने पांच निर्दोषों को दो फर्जी मुकदमे लिखकर जेल भेजा था. कब्जा की जमीन की बाउंड्रीवाल कराकर सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे. दो सिक्योरिटी गार्ड तैनात करके करके प्लॉट काटने की तैयारी कर ली थी. जब पीड़ित जेल से आए तो डीजीपी से शिकायत की. जिस पर आगरा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी हरकत में आए. फिर, जमीन की कथित मालकिन उमा देवी की तहरीर पर बिल्डर कमल चौधरी, धीरू चौधरी, एसओ जितेंद्र कुमार सहित 18 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.
जगदीशपुरा थाना पुलिस ने सबसे पहले अमित अग्रवाल को जेल भेजा था. उसके बाद एसओ जितेंद्र कुमार को जेल भेजा गया. दोनों की गिरफ्तारी के बाद भी रहस्यों से पर्दा नहीं उठा है. इस मामले में दोनों ने पूरा ठीकरा पुरुषोत्तम पहलवान के सिर पर फोड़ दिया गया. पुलिस खुद दूध की धुली बन गई. अब मामले के विवेचक जगदीशपुरा एसओ कुशलपाल सिंह ने आरोपियों के गैर जमानती वारंट के लिए डकैती कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था.
आरोपियों के खिलाफ गैरजमानती वारंट
विवेचक की पत्रावली के अवलोकन के बाद कोर्ट ने बिल्डर कमल चौधरी उनके बेटे धीरू चौधरी और पुरुषोत्तम पहलवान के गैर जमानती वारंट जारी किए हैं. इस बारे में डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि, एक भी आरोपित नहीं बचेगा. तीनों आरोपियों पर 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया है. ये इनाम की रकम बढ़ाई जाएगी. इसके साथ ही तीनों आरोपियों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया जाएगा. अभी फरार तोनों इनामी आरोपियों को तलाश में दो स्पेशल टीमें संभावित स्थानों पर दबिश दे रही हैं.
कौन उजागर करेगा वीडियो का सच ?
जेल गए आरोपित एसओ जितेंद्र कुमार ने बताया था कि, एक वीडियो वायरल हुआ था. उसी के आधार पर दबिश दी थी. पुलिस ने अभी तक उस कैमरामैन से यह सवाल नहीं पूछा है कि, उसके पास वीडियो कहां से आया था. जिसने वीडियो बनाया होगा. आशंका है वह और उसके साथ अन्य भी इस साजिश में शामिल हो सकते हैं. इसी वायरल वीडियो में रवि कुशवाह और अरुण के नाम भी उजागर किए गए थे. यह दर्शाया था कि, दोनों मिलकर गांजा बेचते हैं. अरुण कौन है ? यह खुद पुलिस को नहीं पता है.