रीवा: सिटी कोतवाली पुलिस ने मानव तस्करी से जुड़े तीन शातिर गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की है. पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों में से एक को सतना जिले से जबकि दो लोगों को दमोह जिले से गिरफ्तार किया है. नाबालिग लड़की बीते 11 माह पूर्व घर से बाहर निकली थी. इसके बाद वह अचानक गायब हो गई परिजनों ने काफी खोजबीन की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा. लड़की के गायब होने की खबर पुलिस को दी गई. पुलिस ने मामले को संज्ञान में लिया और हर पहलू की जांच करते हुए कड़ी से कड़ी जोड़कर वारदात के मुख्य सरगना तक पहुंच गई. इसके बाद 3 लाख रुपए में नाबालिग का राजिस्थान में सौदा करने वाले तस्करों को दबोचा.
रीवा से गायब हुई नाबालिग 11 महीने बाद राजिस्थान से मिली
मामला रीवा के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है. बीते 11 माह पूर्व 25 नवंबर 2023 को कोतवाली थाने में जाकर एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी उसका कहना था की उसकी 15 वर्षीय बेटी कक्षा 9 वीं की छात्रा है घटना दिनांक को वह पड़ोस में जाने के लिए घर से निकली थी इसके बाद वह अचानक से गायब हो गई उसकी काफी तलाश की गई लेकिन कुछ पता नहीं चला. पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल IPC धारा 363 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया और नाबालिग लड़की की तलाश शुरु कर दी.
सीटी कोतवाली पुलिस की मेहनत लाई रंग
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोतवाली थाना प्रभारी ने मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारियों को दी. एसपी के निर्देश पर सिटी कोतवाली थाना प्रभारी जेपी पटेल ने पुलिस की एक टीम गठित की और नाबालिग की खोजबीन शुरु कर दी. पुलिस ने काफी तलाश की लेकिन नाबालिग का कोई सुराग नही लगा. पुलिस अधिकारियों ने मामले पर 10 हजार के इनाम की घोषणा भी की इसके बाद 25 अगस्त 2024 को सतना जिले के निवासी रविंद्र कोरी नाम के एक व्यक्ती की जानकारी मुखबिर के द्वारा पुलिस को प्राप्त हुई. पुलिस ने सबसे पहले रविंद्र को सतना से उठाया और उससे पूछताछ शुरु की तो चौका देने वाला खुलासा हुआ और एक एक करके उसने सारी सच्चाई उगलनी शुरु कर दी.
सतना के मास्टरमाइंड ने सूरत में बनाया प्लान
पुलिस की पूछताछ में सतना निवासी राविंद्र कोरी ने खुलासा करते हुए आरोप लगाया कि 15 वर्षीय नाबालिग लड़की को वह अपने साथ बहला-फुसलाकर रीवा से सूरत ले गया था. रविंद्र ने पुलिस को बताया की सूरत में वह एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था. जिसके चलते वहां पर उसके परिचित के कुछ लोग थे. उसकी मुलाकात सूरत में कल्लू सिंह और उसकी पत्नि से हुई, जो यूपी के फतेहपुर के निवासी थे और वर्तमान में वह सूरत में रह रहे थे. तीनों ने मिलकर नाबालिग को बेचने की प्लानिंग तैयार की. वारदात का मास्टर माइंड रविन्द्र कोरी नाबालिग का भाई बना कल्लू सिंह और उसकी पत्नी नाबालिग के माता पिता बन गए.
तीनों ने मिलकर नाबालिग को राजस्थान में 3 लाख में बेचा
तीनों लोग नाबालिग को लेकर राजिस्थान के जालौर जिले में पहुंचे वहां पर रहने वाले उत्तम सिंह नाम के व्यक्ती से नाबालिग का 3 लाख रुपए में सौदा किया. लकड़ी को 3 लाख रुपए में बेचने के बाद उन्होने नाबालिग की शादी उत्तम से सिंह से करवाई और रकम लेकर तीनो शातिर वापस लौट आए राविंद्र वापस सतना लौट आया और कल्लू सिंह व उसकी पत्नि मीरा देवी दमोह लौट आए. शादी के बाद उत्तम सिंह ने नाबालिग को पत्नी के रूप में अपने पास ही जालौर में रखा इस दौरान कई बार उसने नाबालिग का यौन शोषण भी किया.