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रीवा में दिखा अजीबो गरीब नजारा, बच्चों की हालत देख भौचक्की रह गई कलेक्टर - Rewa Public Hearing

रीवा के कलेक्टर कार्यालय में मंगलवार को जनसुवाई के दौरान एक नजारा दिखाई दिया. वहां मौजूद लोग ये नजारा देख भौचक्के रह गए. बता दें कि तमरा गांव निवासी आदिवासी अपने बच्चों के गले में आवेदन पत्रों की माला पहनाकर जनसुनवाई में पहुंचा. पीड़ित पिछले 6 सालों से कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है.

REWA PUBLIC HEARING
आवेदनों की माला पहन आदिवासी परिवार पहुंचे कलेक्ट्रेट (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 2, 2024, 6:55 PM IST

रीवा: जिले के ग्राम तमरा के रहने वाला एक आदिवासी परिवार अपने बच्चों के गले में सैकड़ों आवेदन की माला पहनाकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचाया. जहां उसने विद्युत विभाग पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से शिकायत की. परेशान व्यक्ति ने बताया कि, "घर में विद्युत कनेक्शन के लिए सालों से विद्युत विभाग और कलेक्ट्रेट कार्यालय के चक्कर लगा रहा हूं. पिछले 6 साल में कई बार आवेदन दे चुका है. इसके बाद भी आज तक सुनवाई नहीं हुई. जिससे परेशान होकर मैं अपने बच्चों के साथ गले में आवेदनों की माला पहनकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचा हूं."

गले में अवेदनों की माला पहन जनसुनवाई में पहुंचे बच्चे

रीवा कलेक्ट्रेट कार्यालय में मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान एक अजीबो गरीब नजारा देखने को मिला. तमरा गांव निवासी रामराज कोल अपनी मांगों को लेकर अपने परिवार के 7 नन्हे बच्चों के साथ सैकड़ों आवेदन पत्रों की माला गले में डालकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचा. जहां जनसुनवाई में कलेक्टर प्रतिभा पाल से मिलकर अपनी समस्या सुनाई. कलेक्टर ने पीड़ित से जल्द मामले का निराकरण करवाने की बात कही. वहीं कलेक्टर ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को मामले की जांच करके निराकरण कराने के निर्देश दिए.

बच्चों की हालत देख भौचक्की रह गई कलेक्टर (ETV Bharat)

2018 से विद्युत कनेक्शन के लिए भटक रहा आदिवासी

रामराज कोल आदिवासी ने बताया कि "वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत उसे घरेलू विद्युत कनेक्शन का लाभ प्राप्त हुआ था. विद्युत विभाग की ओर से कनेक्शन देने का वादा किया गया था और यह कहा था की पोल और विद्युत लाईन लगाने के बाद घर पर लाइट का कनेक्शन किया जाएगा. कुछ समय बीतने के बाद विद्युत पोल तो लगा दिया गया, लेकिन लाइन का कनेक्शन अब तक नहीं हो पाया. घर पर विद्युत कनेक्शन के लिए कई बार विद्युत विभाग के अधिकारियों को पत्र सौंपा गया. कलेक्ट्रेट कार्यालय में कई बार जनसुनवाई के दौरान शिकायती पत्र सौंपा, लेकिन केवल आश्वासन ही मिलता रहा कोई कार्रवाई नहीं हुई."

सौभाग्य योजना के तहत होना था विद्युत कनेक्शन

पीड़ित रामराज कोल ने कहा कि "जब विद्युत विभाग को शिकायत की, तो उनके द्वारा यह कहकर शिकायत बंद कर दी गई, कि घर के समीप लगाया गया विद्युत पोल अवैध है." पीड़ित का कहना है कि 2018 से पहले उसके पिता ने पंप के लिए विद्युत कनेक्शन लिया था. जिसके बाद से वह अब तक उसी पंप के विद्युत सप्लाई से अपने घर को रोशन कर रहा है. 2008 और 2010 में उसके पिता और भाई को इंदिरा आवास के तहत घर बनाने के लिए राशि प्राप्त हुई थी. इसके बाद पंप के पास ही घर का निमार्ण कार्य करवा लिया. 2020 में उसके भाई को और हाल ही में पीड़ित को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला था. जिसके बाद दोनों ने उसी स्थान पर घर का निर्माण करवा लिया. 2018 से अब तक उसे सौभाग्य योजना के तहत विद्युत का कनेक्शन नहीं मिला और न ही उसकी सुनवाई हुई. जिसके चलते उसे यह रास्ता अपनाना पड़ा."

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कलेक्टर ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

इस मामले में कलेक्टर प्रतिभा पालका कहना है कि "जनसुनवाई के दौरान एक आवेदन प्राप्त हुआ है. शिकायतकर्ता का कहना था कि उन्होंने बिजली कनेक्शन के लिए सालों पहले आवेदन किया था, लेकिन कुछ कारण बताकर उनके यहां कनेक्शन नहीं किया गया है. एमपीईबी के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह मौके पर जाकर जांच करें और किस कारण से संबधित के यहां बिजली का कनेक्शन नहीं हुआ. उस संबंध में जानकारी उपलब्ध करवाए. साथ ही संबंधित के यहां जल्द से जल्द विद्युत कनेक्शन हो इसके लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए है."

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