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उमंग सिंघार की कुर्सी पर सियासत, बीजेपी के तंज पर कांग्रेस का सवाल, विजयवर्गीय की चेयर का बताएं - MP POLITICS ON UMANG CHAIR

मध्य प्रदेश में इन दिनों कुर्सी को लेकर सियासत छिड़ी हुई है. बीजेपी ने उमंग सिंघार की कुर्सी को लेकर तंज कसा है.

MP POLITICS ON UMANG CHAIR
उमंग सिंघार की कुर्सी पर सियासत (Getty Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 22, 2024, 9:17 PM IST

भोपाल: कांग्रेस की प्रदेश कार्यसमिति में पहले दिन लगभग सारे बड़े नेता नदारद थे, तो बैठक के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार की कुर्सी चर्चा का विषय रही. असल में खाली पड़ी उमंग सिंघार यानि नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी की चर्चा रही. बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाते हुए कहा कि 'जीतू के लिए पार्टी और सिंघार के लिए कुर्सी तेल लेने गई.' उधर कांग्रेस की ओर से पलटवार में पूछा गया तो कहा कि मोहन कैबिनेट की बैठक में कैलाश विजयवर्गीय की खाली पड़ी कुर्सी की चिंता करें भाजपाई.

सिंघार की कुर्सी का मामला क्या है

असल में शुक्रवार को कांग्रेस में प्रदेश कार्यसमिति का दूसरा दिन था. इस बैठक में सभी पदाधिकारियों के साथ कार्यकारिणी के नए सदस्यों की भी मौजूदगी रही. गुरुवार के मुकाबले कुछ बेहतर स्थिति थी, लेकिन उमंग सिंघार इस बैठक में नहीं पहुंचे. उनके पद नाम की पर्ची लगी कुर्सी आखिरी तक खाली रही और जब ये मीडिया की निगाह में आई तो इस कुर्सी को जगह से हटा दिया गया. बीजेपी प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने तो यहां तक चुटकी ली कि बीच बैठक में से उमंग सिंघार की कुर्सी हटाई गई और उस पर उनके पदनाम की पर्ची भी फाड़ दी गई.

चर्चा इस बात की भी रही कि दो दिन की कार्यसमिति में आखिर उमंग सिंघार एक भी दिन बैठक में क्यों नहीं पहुंचे. बीजेपी प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने उमंग सिंघार की खाड़ी पड़ी कुर्सी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि पटवारी के निर्देश पर मंच पर लगी उमंग सिंघार की कुर्सी हटा दी गई. उसकी पर्ची फाड़ दी गई. उन्होंने लिखा कि जीतू पटवारी के लिए पार्टी और उमंग सिंघार के लिए कुर्सी तेल लेने गई.'

कांग्रेस का पलटवार, बीजेपी कैलाश जी की कुर्सी देखें

बीजेपी के इस आरोप के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने कहा कि 'कार्यसमिति की बैठक में उमंग सिंगार स्वास्थ्यगत कारणों से नहीं पहुंच पाए. उन्होंने इसका संदेश पार्टी को पहुंचा दिया था. जब ये संदेश प्रदेश के पदाधिकारियों तक पहुंच गया. उसके बाद ही उनकी कुर्सी और नाम की पट्टी हटाई गई. इसमें मुद्दा बनाने की क्या बात है. कांग्रेस तो अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रही है. बीजेपी सरकार में तो कैबिनेट बैठक का वरिष्ठ मंत्री अघोषित विरोध कर रहे हैं. कैलाश विजयवर्गीय कैबिनेट से क्यों नदारद हैं. जवाब है इस बात का. यहां तो मामला सीधे जनता के सरोकारों का है. तब एक सीनियर मंत्री की कैबिनेट की बैठक से गैरमौजूदगी बड़ा मुद्दा है. क्या इस पर बीजेपी प्रवक्ता गौर करेंगे.

भोपाल: कांग्रेस की प्रदेश कार्यसमिति में पहले दिन लगभग सारे बड़े नेता नदारद थे, तो बैठक के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार की कुर्सी चर्चा का विषय रही. असल में खाली पड़ी उमंग सिंघार यानि नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी की चर्चा रही. बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाते हुए कहा कि 'जीतू के लिए पार्टी और सिंघार के लिए कुर्सी तेल लेने गई.' उधर कांग्रेस की ओर से पलटवार में पूछा गया तो कहा कि मोहन कैबिनेट की बैठक में कैलाश विजयवर्गीय की खाली पड़ी कुर्सी की चिंता करें भाजपाई.

सिंघार की कुर्सी का मामला क्या है

असल में शुक्रवार को कांग्रेस में प्रदेश कार्यसमिति का दूसरा दिन था. इस बैठक में सभी पदाधिकारियों के साथ कार्यकारिणी के नए सदस्यों की भी मौजूदगी रही. गुरुवार के मुकाबले कुछ बेहतर स्थिति थी, लेकिन उमंग सिंघार इस बैठक में नहीं पहुंचे. उनके पद नाम की पर्ची लगी कुर्सी आखिरी तक खाली रही और जब ये मीडिया की निगाह में आई तो इस कुर्सी को जगह से हटा दिया गया. बीजेपी प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने तो यहां तक चुटकी ली कि बीच बैठक में से उमंग सिंघार की कुर्सी हटाई गई और उस पर उनके पदनाम की पर्ची भी फाड़ दी गई.

चर्चा इस बात की भी रही कि दो दिन की कार्यसमिति में आखिर उमंग सिंघार एक भी दिन बैठक में क्यों नहीं पहुंचे. बीजेपी प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने उमंग सिंघार की खाड़ी पड़ी कुर्सी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि पटवारी के निर्देश पर मंच पर लगी उमंग सिंघार की कुर्सी हटा दी गई. उसकी पर्ची फाड़ दी गई. उन्होंने लिखा कि जीतू पटवारी के लिए पार्टी और उमंग सिंघार के लिए कुर्सी तेल लेने गई.'

कांग्रेस का पलटवार, बीजेपी कैलाश जी की कुर्सी देखें

बीजेपी के इस आरोप के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने कहा कि 'कार्यसमिति की बैठक में उमंग सिंगार स्वास्थ्यगत कारणों से नहीं पहुंच पाए. उन्होंने इसका संदेश पार्टी को पहुंचा दिया था. जब ये संदेश प्रदेश के पदाधिकारियों तक पहुंच गया. उसके बाद ही उनकी कुर्सी और नाम की पट्टी हटाई गई. इसमें मुद्दा बनाने की क्या बात है. कांग्रेस तो अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रही है. बीजेपी सरकार में तो कैबिनेट बैठक का वरिष्ठ मंत्री अघोषित विरोध कर रहे हैं. कैलाश विजयवर्गीय कैबिनेट से क्यों नदारद हैं. जवाब है इस बात का. यहां तो मामला सीधे जनता के सरोकारों का है. तब एक सीनियर मंत्री की कैबिनेट की बैठक से गैरमौजूदगी बड़ा मुद्दा है. क्या इस पर बीजेपी प्रवक्ता गौर करेंगे.

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