रायपुर: 1971 युद्ध के वीर योद्धा सेवानिवृत्त विंग कमांडर एमबी ओझा का 89 वर्ष की उम्र में रायपुर में निधन हो गया. आज महादेव श्मशान घाट में उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा. छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है.
राज्यपाल ने एमबी ओझा को दी श्रद्धांजलि: राज्यपाल रमेन डेका ने एमबी ओझा के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन किया है. राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और युद्ध में भारत की विजय के साक्षी भी रहे, मां भारती की रक्षार्थ अपना सर्वस्व समर्पित करने वाले ऐसे वीर सैनिक को शत-शत् नमन.
राज्यपाल ने यह भी कहा कि एमबी ओझा ने 1971 के युद्ध के साथ साथ कई मिशनों में सभी को अपने अद्भुत शौर्य और पराक्रम से परिचित कराया. राज्यपाल ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में आश्रय और परिजनों को इस कठिन समय में धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना की है.
सीएम विष्णुदेव साय ने एमबी ओझा के निधन पर जताया शोक: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सेवानिवृत्त विंग कमांडर एमबी ओझा के निधन पर शोक जताया है. सीएम ने देश सेवा में उनके अमूल्य योगदान को नमन किया. सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि, "हमारे छत्तीसगढ़ के गौरव, 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में भाग लेने वाले विंग कमांडर एमबी ओझा जी के निधन की खबर दुखद है."
कई बड़े युद्द में शामिल हुए विंग कमांडर ओझा:रिटायर्ड विंग कमांडर एमबी ओझा 1962 ,1965 ,1971 के युद्ध में शामिल थे. वह भारतीय शांति सेवा के मिशनों में भी शामिल थे. वे भारतीय वायु सेना में साल 1956 में कमीशन हुए थे. पाकिस्तानी सेना के 90000 सैनिकों ने जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष हथियार डाले थे, इस दौरान विंग कमांडर एम बी ओझा मौजूद थे और वे उस समर्पण के प्रत्यक्ष गवाह थे.