शिमला: गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के लिए ये संदेश एक सुख का संदेश है. हिमाचल सरकार ने पर्यटन सेक्टर के तहत हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए तेजतर्रार आईएएस अफसर (रिटायर्ड) तरुण श्रीधर को जिम्मा दिया है. उन्हें एक अच्छे-खासे अमाउंट की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इस ऑफर को न कह दी है. यानी तरुण श्रीधर हिमाचल सरकार को अपनी सेवाएं तो देंगे, लेकिन उसके बदले में एक भी रुपया नहीं लेंगे.
मानदेय लेने से किया इनकार
उल्लेखनीय है कि इससे पहले राज्य सरकार ने जिन बड़े अफसरों को फिर से नियुक्ति दी है, वे सरकार की तरफ से दी जाने वाली सभी सुविधाएं ले रहे हैं. तरुण श्रीधर हिमाचल सरकार के विभिन्न पदों पर रहे हैं और उनकी कार्यकुशलता से सभी परिचित हैं. हाल ही में राज्य सरकार ने पर्यटन सेक्टर में सुधार के लिए एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया. उस कमेटी का मुखिया तरुण श्रीधर को बनाया गया है. तरुण श्रीधर ने उन्हें दिया जाने वाला अस्सी हजार रुपए का मानदेय नहीं लिया है. उनके इस निर्णय की सभी जगह तारीफ हो रही है.
'हिमाचल की सेवा में सुख'
दिल्ली से ईटीवी से फोन के जरिए बातचीत में तरुण श्रीधर ने कहा कि हिमाचल में उन्होंने लंबे समय तक सेवाएं दी हैं, ऐसे में देवभूमि के साथ उनका सहज ही लगाव है. हिमाचल की सेवा से उन्हें सुख मिलता है. जिस राज्य में लंबे समय तक सेवाएं दी हैं, वहां से मानदेय लेना मुझे अच्छा नहीं लगा. इसलिए मैंने एक भी रुपया लेना स्वीकार नहीं किया.