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Jharkhand Election 2024: भाजपा की ओर से पांच पूर्व सीएम की प्रतिष्ठा दांव पर, तीन सीटिंग विधायकों का कटा टिकट

झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से पांच पूर्व सीएम की प्रतिष्ठा दांव पर होने वाली है. वहीं तीन विधायकों का टिकट कटा है.

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 5 hours ago

Jharkhand vidhansabha chunaw 2024
ईटीवी भारत ग्राफिक्स इमेज (ईटीवी भारत)

रांची: झारखंड के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से सूबे के पांच पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दांव पर लगने जा रही है. पार्टी की ओर से जारी 66 उम्मीदवारों की सूची में पहला नाम प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का है, जो धनवार से फिर भाग्य आजमाने जा रहे हैं. दूसरे पूर्व सीएम के तौर पर झामुमो से भाजपा में आए चंपाई सोरेन को सरायकेला से टिकट मिला है. इसके अलावा पूर्व सीएम मधु कोड़ा, पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा और पूर्व सीएम रघुवर दास की प्रतिष्ठा अप्रत्यक्ष रूप से दांव पर लगने जा रही है.

पांच पूर्व सीएम की प्रतिष्ठा दांव पर

भाजपा ने अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व पोटका सीट से पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा को प्रत्याशी बनाया है. इसके अलावा पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को एसटी के लिए रिजर्व जगन्नाथपुर से मैदान में उतारा गया है. गीता कोड़ा को 2024 के लोकसभा चुनाव में चाईबासा से प्रत्याशी बनाया गया था, लेकिन उन्हें झामुमो की जोबा मांझी ने शिकस्त दे दी थी.

इस लिस्ट में सबसे महत्वपूर्ण नाम है पूर्व सीएम रघुवर दास का. रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू को जमशेदपुर पूर्वी सीट से प्रत्याशी बनाया गया है. गौर करने वाली बात है कि जदयू के साथ तालमेल के बाद जमशेदपुर पूर्वी से सरयू राय के चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही थी. लेकिन रघुवर दास के विटो करने पर सरयू राय को उनकी परंपरागत सीट जमशेदपुर पश्चिम दे दी गई. क्योंकि रघुवर दास के साथ सरयू राय का संबंध छत्तीस का रहा है. रघुवर दास बिल्कुल नहीं चाहते थे कि उनकी परंपरागत सीट पर किसी दूसरी पार्टी का दखल हो.

एक और खास बात है कि भाजपा ने पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को घाटशिला से मैदान में उतार दिया है. लिहाजा, चंपाई सोरेन पर दोहरी जिम्मेदारी होगी. चुनाव प्रचार के दौरान आदिवासी बहुल कोल्हान में भाजपा यह बताना चाहेगी कि कैसे झामुमो में आदिवासी नेताओं की अपेक्षा होती है. क्योंकि कोल्हान ही एकमात्र ऐसा प्रमंडल है जहां 2019 के चुनाव में भाजपा 14 में से एक भी सीट नहीं जीत पाई थी.

भाजपा ने तीन सिटिंग विधायकों का काटा टिकट

इस बार के चुनाव में भाजपा ने अपने तीन सिटिंग विधायकों का टिकट काट दिया है. इनमें एससी के लिए रिजर्व कांके सीट से समरी लाल की जगह 2014 का चुनाव जीतने वाले जीतू चरण राम, एससी के लिए रिजर्व सिमरिया सीट से किशन दास की जगह उज्जवल दास और सिंदरी के विधायक इंद्रजीत महतो की जगह तारा देवी को प्रत्याशी बनाया है.

कायदे से देखा जाए तो भाजपा ने दो सिटिंग विधायकों का ही टिकट काटा है, क्योंकि सिंदरी में इंद्रजीत महतो की जगह उनकी पत्नी तारा देवी को प्रत्याशी बनाया है. दरअसल पिछला चुनाव जीतने के कुछ दिन बाद से ही इंद्रजीत महतो अस्पताल में इलाजरत हैं और उनकी स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है. इसके अलावा कांके विधायक समरी लाल के राजस्थान का मूल निवासी होने के कारण रिजर्वेशन का मसला विवादों में रहा है.

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