आगरा:ताजनगरी में किराए की डिग्री पर चिकित्सा संस्थान चल रहे हैं. ये चौंकाने वाला खुलासा नवीनीकरण के दिए गए आवेदनों की जांच में हुआ है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने ऑनलाइन आवेदन मांगे तो एक डॉक्टर के नाम से कई हॉस्पिटल, डिग्री दर्ज न करने जैसी गड़बड़ियां मिलीं. जिस पर विभाग ने 117 हॉस्पिटल, लैब और क्लीनिक के पंजीकरण और आवेदन निरस्त कर दिए हैं. अब इन पर ताला लगना लगभग तय है. इसके साथ ही जिले में 383 हॉस्पिटल और लैब की जांच की जा रही है. जिनके मानक पूरे होने पर ही पंजीकरण किए जाएंगे. जिन 383 हॉस्पिटल के प्रोविजनल पंजीकरण किए गए हैं. विभाग उनका भी फायर आडिट कराने की तैयारी में है.
एक डॉक्टर के नाम पर चलते मिले थे 50 से अधिक अस्पताल
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने पिछले वर्ष एक डॉक्टर के नाम से 50 से अधिक हॉस्पिटल और लैब संचालित होने का खुलासा किया था. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस पर जिले में तमाम स्वास्थ्य ईकाइयों के पंजीकरण निरस्त कर दिए थे. इस बार भी अप्रैल 2024 में नए सत्र 2024-25 के लाइसेंस जारी करने को ऑनलाइन पंजीकरण आवेदन मांगे गए थे. जिनकी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने स्क्रीनिंग की. जिसमें खुलासा हुआ है कि एक डॉक्टर के नाम से एक से अधिक हॉस्पिटल, दो से अधिक अल्ट्रासाउंड सेंटर और तीन से अधिक लैब के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किए गए. पहले उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा था. इसके बाद नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर ऑनलाइन आवेदन करने वाले चिकित्सा संस्थानों का पंजीकरण ही निरस्त कर दिए हैं.
यूं पकड़ में आया पूरा खेल
आगरा सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि नए सत्र 2024-25 में लाइसेंस पंजीकरण व लाइसेंस नवीनीकरण के लिए 1372 चिकित्सकीय संस्थानों से ऑनलाइन आवेदन किए गए. इसमें 1256 चिकित्सा संस्थान के लाइसेंस नवीनीकरण और बाकी के नए पंजीकरण के आवेदन थे. जब विभाग ने आवदेनों के साथ अपलोड किए प्रमाणपत्रों की के ऑनलाइन जांच और भौतिक सत्यापन किया तो पूरा खेल पकड़ में आया है. इसमें 90 फीसदी नॉन मेडिको (पर्सन इंचार्ज चिकित्सक नहीं) हैं. इसके बाद विभाग ने 117 चिकित्सा ईकाइयों के आवेदन निरस्त किए हैं. जिनमें 69 हॉस्पिटल, 22 क्लीनिक, 21 पैथोलॉजी लैब और 5 डायग्नोस्टिक सेंटर शामिल हैं. स्क्रीनिंग में एक डॉक्टर के नाम से एक से अधिक हॉस्पिटल का पंजीकरण, एक हॉस्पिटल के नाम से कई आवेदन मिले. डॉक्टर की डिग्री, बेड की संख्या, सुविधाएं, प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टॉफ का ब्योरा दर्ज नहीं मिला है. कई ने डुप्लीकेट प्रमाणपत्र भी जमा किए हैं.