नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट की अवकाशकालीन एकलपीठ ने बीते 10 जनवरी को न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ द्वारा निकाय व पंचायत चुनाव आरक्षण नियमावली 2024 को चुनौती देती अल्मोड़ा की शोभा जोशी की विशेष अपील की सुनवाई करते हुए एकलपीठ के उक्त आदेश पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.
अवकाशकालीन न्यायाधीश आलोक वर्मा ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में राज्य सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा गया है, जो निर्धारित समय पर जबाव दाखिल करें. एकलपीठ ने इस मामले की सुनवाई की तिथि 3 मार्च निर्धारित की है. कोर्ट ने कहा कि चुनाव परिणाम हाईकोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन होंगे.
अल्मोड़ा की शोभा जोशी द्वारा दायर विशेष अपील में कहा कि राज्य सरकार द्वारा निकाय और पंचायत चुनाव कराने के लिए जारी आरक्षण नियमावली 2024 में नियमों को ताक पर रखकर आरक्षण की अधिसूचना जारी की. जिस दिन अधिसूचना जारी की, उसी दिन शाम को चुनाव कार्यक्रम भी घोषित कर दिया गया. उनको इस पर आपत्ति जाहिर करने का मौका तक नहीं दिया. नियमों के तहत आरक्षण घोषित होने के बाद आपत्ति जाहिर करने का प्रावधान है. जिसका अनुपालन राज्य सरकार और चुनाव आयोग ने नहीं किया. जिन निकायों और निगमों में आरक्षण तय किया, वह भी गलत किया है.
वहीं, राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि नियमों के तहत ही निकायों का आरक्षण तय किया गया है. इसको चुनाव याचिका के रूप में चुनौती दी जानी चाहिए, अन्य याचिका में नहीं. इसका भी विरोध करते हुए याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि अभी चुनाव नहीं हुए हैं.
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